वैश्विक स्टील दिग्गज आर्सेलरमित्तल ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 0.45 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया है, जिसका मुख्य कारण कच्चे माल की लागत में वृद्धि है।
साल 2019 की पहली तिमाही में कंपनी ने 0.41 अरब डॉलर का मुनाफा दर्ज किया था।
आर्सेलरमित्तल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और चेयरमैन लक्ष्मी एन. मित्तल ने कहा, 2018 में बाजार की स्थिति काफी अच्छी थी, लेकिन 2019 की पहली छमाही में यह काफी खराब हो गई है। हमारा मुनाफा स्टील की कमजोर कीमतों के साथ ही कच्चे माल की लागत में बढ़ोतरी के कारण प्रभावित हो रहा है। केवल हमारे खनन खंड में ही थोड़ा सुधार है, लेकिन हमने अच्छी नकदी पैदा की है, जो हमारे बिजनेस मॉडल और 2020 एक्शन प्लान की मजबूती को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक अधिक्षमता (ओवरकैपेसिटी) चुनौती बनी हुई है और कंपनी ने मांग में कमी को देखते हुए यूरोप में अपनी क्षमता में कमी की है, जिससे इटली के संयंत्र पर भी पड़ा।
कंपनी ने कहा कि 2019 में व्यापार के लिए कंपनी की पूंजीगत जरूरत 5.4 अरब डॉलर से घटकर 1 अरब डॉलर रह गई है।