आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा देंगे इंदिरा गांधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी व यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिस

दिल्ली की इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी फॉर वीमेन(आईजीडीटीयूडब्ल्यू) ने यूनिवर्सिटी मलेशिया पर्लिस (यूनीमैप) के साथ एक समझौता किया है। इस पार्टनरशिप का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा, दोनों यूनिवर्सिटी के बीच उच्च शिक्षा में फैकल्टी, स्टूडेंट्स को अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर देना, साइंस व टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में द्विपक्षीय रिसर्च को बढ़ावा देना है।

कार्यक्रम में इंदिरा गांधी दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी की उपकुलपति डॉ अमिता देव, डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन, मलेशिया के डायरेक्टर-जनरल डॉ. हुसैनी बी उमर उपस्थित रहे। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, मलेशिया की मिनिस्टर ऑफ हायर एजुकेशन डॉ. नोरैनी अहमद व भारत में मलेशिया के उच्चायुक्त हिदायत अब्दुल हामिद की उपस्थिति में यह समझौता किया गया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मलेशियाई यूनिवर्सिटी और आईजीडीटीयूडब्ल्यू के बीच एजुकेशनल पार्टनरशिप दोनों यूनिवर्सिटी के बीच फैकल्टी और स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के रास्ते खोलेगा। यह स्टूडेंट्स को अंतरराष्ट्रीय महत्व के रिसर्च करने के अवसर भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि हम इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है आज हम तेजी से बदलती ऐसी सदी में जी रहे हैं, जहां खुद को चारदीवारियों तक सीमित नहीं रखा जा सकता है। हमें इससे बाहर निकलकर आगे बढ़ने के लिए नए इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को अपनाते हुए अपने सीमाओं से परे जाने की जरूरत है।

सिसोदिया ने कहा कि यह पार्टनरशिप दोनों यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के क्षेत्र में रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देगा। इससे यूनिवर्सिटी को अपने स्टूडेंट्स व फैकल्टी के बीच तकनीकी प्रगति के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ये पार्टनरशिप पार्टनरशिप एडवांस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में महिलाओं के लिए सीखने के बेहतरीन अवसर पैदा करेगी।

दोनों यूनिवर्सिटी के बीच पार्टनरशिप के महत्वपूर्ण घटक में टेक्नोलॉजी के आदान-प्रदान और बेहतर एक्सपोजर के लिए फैकल्टी व स्टूडेंट्स एक्सचेंज प्रोग्राम शामिल हैं। इसके अलावा द्विपक्षीय रिसर्च एक्टिविटीज, जॉइंट, इंटरनेशनल कांफ्रेंस और स्टूडेंट्स के लिए अंतर्राष्ट्रीय इंटर्नशिप के मौके भी इसका हिस्सा होंगे।
पार्टनरशिप से होंगे यह फायदे

इस पार्टनरशिप से दोनों यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स और फैकल्टी को आपस में टेक्निकल एडवांसमेंट में मदद मिलेगी।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय की रैंकिंग में सुधार होगा। अकेडमिक के साथ-साथ सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी मौका मिलेगा।

मलेशिया की मिनिस्टर ऑफ हायर एजुकेशन डॉ. नोरैनी अहमद ने कहा कि दोनों यूनिवर्सिटी पिछले एक साल से इस पार्टनरशिप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन दो प्रोमिनेंट टेक्निकल यूनिवर्सिटी के बीच इस पार्टनरशिप से दोनों देशों में हाई क्वालिटी टेक्निकल एजुकेशन के साथ-साथ इस क्षेत्र में लैंगिक समानता को भी बढ़ावा मिलेगा। ये पार्टनरशिप भारत व मलेशिया की महिलाओं को साइंस एंड टेक्नोलॉजी से संबंधित फील्ड को चुनने, हायर एजुकेशन प्राप्त करने और अपने क्षेत्र में एक्सीलेंस पाने के लिए प्रेरित करेगा।

इस अवसर पर यूनीमैप के उपकुलपति डॉ. जालिमन सौली ने कहा कि आज के दौर में सस्टेनेबल इनोवेशन को अपनाते हुए इकॉनमी का डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन बेहद जरुरी है। इस दिशा में टेक्नोलॉजिकल साइंसेज के क्षेत्र में, विशेष रूप से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस और डेटा साइंस के क्षेत्र में यह पार्टनरशिप हमें दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण समस्याओं को हल

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *