आपूर्ति बाधा के बीच भारत के स्मार्टफोन बाजार को महंगाई का लगा झटका

आपूर्ति बाधा से जूझ रहा भारत का स्मार्टफोन बाजार विनिमय दर के उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमतों में तूफानी तेजी और महंगाई की चौतरफा मार भी झेल रहा है।

वैश्विक शोध फर्म कैनलिस के मुताबिक देश का स्मार्टफोन बाजार चालू वर्ष की पहली तिमाही में मात्र दो प्रतिशत की दर से बढ़ा है, जबकि कोरोना महामारी के दौरान भी इस बाजार ने दहाई अंकों में वृद्धि हासिल की थी।

विश्लेषक संयम चौरसिया के मुताबिक देश में कच्चे तेल की कीमतें सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर हैं और थोक महंगाई दर भी मार्च में 14.6 प्रतिशत रही। इसके साथ ही विदेशी विनिमय दर के उतार-चढ़ाव और महंगाई की वजह से संचालन लागत में तेजी से वेंडर के लिये लाभप्रदता बनाये रखना मुश्किल हो रहा है।

स्मार्टफोन निर्माताओं ने इस साल की पहली तिमाही में 38 मिलियन स्मार्टफोन भारत भेजे, जो गत साल की तुलना में मात्र दो फीसदी अधिक हैं। अधिकतर वेंडर आपूर्ति बाधा से जूझ रहे हैं।
चौरसिया ने कहा कि पहली तिमाही में जब अधिकतर बाजार कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से जूझ रहे थे तो भारत पर इसके तुलनात्मक रूप से कम प्रभाव का लाभ इस बाजार को मिलना चाहिये था।

उन्होंने कहा कि लेकिन ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वेंडर्स के लिये आपूर्ति बाधा सबसे बड़ी चुनौती बनी रही। वे लो इंड मॉडल के स्मार्टफोन के पुजोर्ं की आपूर्ति सुनिश्चित नहीं कर पाये।
चौरसिया ने कहा कि वेंडर आपूर्ति बाधा को खत्म करने के लिये जरूरी कदम उठा रहे हैं।

कई कंपनियां दूसरी तिमाही में ब्रिकी के आंकड़ों में सुधार को लेकर आशान्वित हैं और वेंडर्स त्योहारी मौसम में अधिक मांग की उम्मीद लगाये बैठे हैं।

भारत में मिड और लो मॉडल बड़ी बाजार हिस्सेदारी रखते हैं। स्मार्टफोन के लिये उपलब्धता, किफायती होना और आकर्षक होना जरूरी है क्योंकि अनिश्चितता भरे समय में यही खासीयत बाजार में उनकी दखल बढ़ायेगीं।

इसे शेयर करें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *