“आपकी जिंदगी पर भारी पड़ सकता है ओवर टाइम वर्क”

अक्सर हमें अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अधिक पैसो की जरूरत होती है। जिसके लिए हमारे पास या तो अच्छी जाब होनी चाहिए या अच्छा व्यवसाय। अगर ये दोनो चीजे हमारे पास नही है तो हमें अपने शरीर को क्षमता से ज्यादा तकलीफ देकर काम करना पडता है। ये परिस्थितियां उन लोगो के पास ज्यादा होती है जो प्राइवेट व कम सैलरी वाली जाब करते है या मजदूरी । ऐसे में कभी कभी न चाहते हुए भी इन लोगो को ओवर टाइम यानि तय सीमा से अधिक काम करना पडता है। इस स्थिति में अगर उचित आराम व खान पान पर ध्यान न दिया जाये तो वह सेहत के लिए हानिकारक भी हो जाता है।

संजय के साथ ऐसा ही कुछ हुआ।  5 हजार रूपये प्रतिमाह की सैलरी पर संजय एक प्लास्टिक फैक्ट्री में नौकरी कर रहे थे उनके 6 लोगो के परिवार के लिए यह सैलरी नाकाफी थीं। वह रोज सुबह 8 बजे से शाम को 5 बजे तक फैक्ट्री में काम करते ,लेकिन सैलरी कम होने की वजह से अब वह ओवर टाइम भी करने लगे। ओवर टाइम की वजह से वह 5 बजे की बजाय फैक्ट्री से रात को 10 बजे छुट्टी पाते। इससे उसे अतिरिक्त आमदनी होने लगी थी जिससे उसके परिवार के खर्चा आसानी से चलने लगा। परन्तु कुछ दिनों से काम की अधिकता के चलते संजय को शारीरिक थकान सी महसूस होने लगी, जिसकी वजह से एक दिन संजय को मशीन पर काम करते समय थकान के चलते झपकी आ गयी जिससे उसके दोनो हाथो की उंगलिया मशीन में चली गयी इस वजह से संजय को अपने दोने हाथो के अंगुलियों को पंजो सहित गवाना पडा।

कुछ यही हाल बैंक में काम करने वाले सुरेश का भी है, वह अक्सर बैंक का काम खत्म होने के बावजूद बैंक का हिसाब किताब निपटाने की वजह से देर रात तक काम करते रहते है। काम के बोझ से उसको कुछ दिनों से घबडाहट सी होने लगी। एक दिन सुरेश ने बैंक से छुट्टी लेकर डाक्टर को अपनी समस्या बतायी तो डाक्टर ने जरूरी चैक अप करने के बाद सुरेश को बताया कि उसे उक्त रक्तचाप की समस्या है। इसका कारण काम की अधिकता का बोझ बताया। डाक्टर ने सुरेश को सलाह दिया कि वह अपने आफिस के कामों का बोझ अपने दिमाग पर न दे साथ ही कुछ दिनों की छुट्टी लेकर किसी अच्छे स्थान पर टहलने जाये, जिससे उसके हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात पाया जा सकता है डाक्टर ने यह भी सलाह दिया कि वह एक तय समय सीमा तक ही अपने शरीर को काम के बोझ लादे।

                   डा0 मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन

अधिक काम से आ सकती है कामेच्छा में कमी :- मानसिक एवं यौन रोग विशेषज्ञ डा0 मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन का कहना है कि व्यक्ति के लिए अधिक काम करना न केवल उसके सेहत के लिए घातक हो सकता है बल्कि यौन सम्बन्धों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है क्यो कि काम की अधिकता की वजह से व्यक्ति अपने परिवार व जीवनसाथी को पूरा समय नही दे पाता है वही काम की अधिकता की वजह से शारीरिक थकान भी बढती है। जो व्यक्ति में कामेच्छा की कमी का कारण बन जाता है। जिसकी वजह से वह अपने जीवन साथी को संतुष्ट नही कर पाता है और बिस्तर पर जल्दी पस्त हो जाता है।

काम का अधिक बोझ बीमारियों का घरः- चिकित्सक डा. वी0के0 वर्मा के अनुसार अगर हम किसी भी काम को तय सीमा से अधिक समय तक करते है तो वह हमारे स्वास्थ के लिए घातक बन सकता है। जिसकी वजह से तमाम तरह की बीमारियां शरीर को जकडने लगती है इसमें उच्च रक्तचाप, हृदय की बीमारिया, अल्सर इत्यादि की समस्याये बढ जाती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति बीमार पड सकता है जिससे न केवल उसकी कार्य क्षमता प्रभावित होती है बल्कि बीमारी की वजह से आर्थिक तंगी का शिकार भी होना पडता है। ऐसी अवस्था में डा0 वर्मा का कहना है कि व्यक्ति को काम के दौरान शरीर को आराम देने के लिए बीच-बीच में ब्रेक लेना चाहिए जिससे मासंपेशियों को उचित आराम मिलता रहता है साथ ही काम के दौरान व्यक्ति को पोषक तत्वों से भरपूर प्रोटीन व विटामिन युक्त भोजन लेना चाहिए, इससे शरीर में कमजोरी नही आने पाती है। इन चीजो का ध्यान देकर व्यक्ति बीमारियों से आसानी से बच सकता है।

काम का बोझ बन सकता मानसिक बीमारियों का कारणः- डा मलिक मोहम्मद अकमलुद्दीन के अनुसार अक्सर काम की अधिकता की वजह से हम मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाते है। कभी कभार काम का बोझ इतना अधिक हो जाता है कि हमारा रक्तचाप 140 /90 तक हो जाता है जिसकी वजह से हम हाइपर टेंशन का शिकार हो सकते है। इस अवस्था में जो दवाये हम लेते है वह बीमारी के ठीक होने के बावजूद जीवन भर लेनी पडती है। ऐसी अवस्था में व्यक्ति को चाहिए कि वह सुबह उठकर व्यायाम करे और अपने दिमाग पर किसी तरह का दबाव न डाले, अनियमित व अधिक वसायुक्त भोजन फास्टफूड, जैसी चीजों से बचे ये सभी चीजे व्यक्ति को हाईपर टेंशन से बचाने में सहायक सिद्ध होती है।

डा0 अकमलुद्दीन का कहना है कि, अक्सर लोग काम के थकान को उतारने के लिए नशे का सहारा लेते है जो उनके परिवार की बर्बादी का कारण बनने के साथ ही सेहत पर भी बुरा असर डालता है ऐसी अवस्था में कभी कभार काम के दौरान नशा करना किसी बडी दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए व्यक्ति को चाहिए कि वह बीच बीच में शरीर को जरूरी आराम दे और भरपूर मात्रा में पानी का प्रयोग करे जिससे थकान न आने पाये और नशे से दूर रहे। डा0 अकमलुद्दीन कहते है, “अधिक धूल, धुए, व प्रदूषित वातावरण में काम करने से हमारे फेफडे व शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते रहते है जिसकी वजह से कई गम्भीर बीमारियां भी जन्म ले सकती है।“

                            डा. वी के वर्मा

मोनू उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में चूडियों के एक कारखाने में काम करता था, एक दिन उसे तेज बुखार हुआ उसके बाद खांसी की समस्या शुरू हो गयी। मोनू ने शुरूआती दिनों में इसे नजरअंदाज किया लेकिन जब काम के दौरान उसे कमजोरी व थकान महसूस होने लगी तो उसने डाक्टर को दिखाया। डाक्टर ने मोनू का जरूरी चैकप करने के बाद उसे बताया कि अधिक भीडभाड व प्रदूषित क्षेत्र में काम करने की वजह से किसी टीबी का संक्रमण वाले व्यक्ति के सर्म्पक में आने से टीबी का संक्रमण हो गया है, इसके बाद मोनू का काम छूट गया और लगातार 6 महीनो तक टीबी को खत्म करने के लिए ली जाने वाली डाट्स की दवा लेता रहा तब जाकर कहीं उसकी टीबी की बीमारी ठीक हो पायी।

इस मसले में डाक्टर वी0के0 वर्मा का कहना है कि अक्सर लोग भीड भाड व प्रदूषित क्षेत्रो में काम करते है जहां उनका खान पान भी प्रदूषित ही होता है। ऐसी अवस्था में पेट का अल्सर व लीवर की कई बीमारियां जन्म ले सकती है। डाक्टर वर्मा के अनुसार काम के दौरान व्यक्ति को खान पान के साफ सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए जिससे पेट की बीमारियों से बचा जा सके।

व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार ही काम करना चाहिए और शरीर को आराम देने के लिए काम के बीच में ब्रेक लेना नही भूलना चाहिए, साथ ही काम के बोझ से बचने के लिए जरूरी व्यायाम व खान पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

शारीरिक थकान उतारने के लिए नशा नही लेना चाहिए। तभी हम काम के बोझ से होने वाली बीमारियों से बच सकते है और अपने परिवार को खुशहाल रख सकते है।

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