कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख मुद्दों से ध्यान भटकाना पसंद है, यही वजह है कि उन्होंने राज्य में बेरोजगारी, पर्यावरण की गिरावट से जुड़ी समस्याओं से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गोवा के इतिहास के बारे में बात की।
दक्षिण गोवा के मडगांव शहर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने यह भी कहा कि मोदी को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के इतिहास की जानकारी नहीं है। उन्होंने गोवा के स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित पीएम मोदी की विवादास्पद टिप्पणियों के लिए प्रधानमंत्री की अज्ञानता को जिम्मेदार ठहराया। राहुल गांधी ने कहा, मैंने कहा है कि मोदी को ध्यान भटकाना पसंद है।
गोवा के युवाओं को रोजगार की जरूरत है। गोवा को पर्यटन उद्योग को फिर से जीवंत करने की जरूरत है। गोवा भविष्य के बारे में बात करना चाहता है। नरेंद्र मोदी जानते हैं कि उनकी सरकार ने पिछले पांच वर्षों में कुछ नहीं किया है, इसलिए वह ध्यान भटकाना चाहते हैं।
कांग्रेस नेता की टिप्पणी से एक दिन पहले मोदी ने उत्तरी गोवा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी और तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत जवाहरलाल नेहरू को डेढ़ दशक से अधिक समय तक पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति में देरी के लिए दोषी ठहराया। राहुल ने कहा, पीएम की भी एक भूमिका होती है।
वह आज आपके पास नहीं आ सकते हैं और आपसे नहीं कह सकते हैं कि मैंने नौकरी दी, मैंने आपको रोजगार दिया, मैंने आपकी समस्याओं को ठीक किया, मैंने आपकी पिछली सरकार को हथिया लिया। वह आपसे यह सब नहीं कह सकते हैं।
इसलिए, वह आपको भटका रहे हैं। उनकी भूमिका आपको आपके मुद्दों से दूर ले जाने और आपको भटकाने की है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा, अब तथ्य यह है कि स्वतंत्रता सेनानियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी की है। यह एक ऐसा मुद्दा है, जो पहले भी सामने आ चुका है। इस मुद्दे पर शिक्षाविदों ने पहले भी टिप्पणी की है।
दुखद तथ्य यह है कि प्रधानमंत्री उस समय के इतिहास को नहीं समझते हैं, उन्हें समझ में नहीं आता कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद क्या चल रहा था। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि मोदी 2014 के आम चुनावों में किए गए वादों पर खरे नहीं उतरे।
उन्होंने कहा, 2014 के चुनाव के समय, प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह 2 करोड़ नौकरियां देंगे। उन्होंने कहा कि 15 लाख आपके खाते में आएंगे। वह आज वो बातें क्यों नहीं कहते हैं? वह अपने भाषणों में क्यों नहीं कहते हैं कि वह नौकरी देने जा रहे है? वह क्यों नहीं कहते हैं कि वह किसानों की आय को दोगुना करने जा रहे हैं? वह क्यों नहीं कह रहे हैं कि वह देश को भ्रष्टाचार से मुक्त करने जा रहे हैं? वह नोटबंदी की बात क्यों नहीं कर रहे हैं? क्योंकि वह पूरी तरह से असफल रहे हैं।