मंदिर-मस्जिद विवाद सुलझाने के लिए मंगलवार को एक नई टीम सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट में चल रही अयोध्या मामले की सुनवाई के बीच लखनऊ से आए पूर्व विधायक, रिटायर जज, अफसर व सामाजिक कार्यकर्ताओं की छह सदस्यीय टीम ने दावा किया कि चार सूत्री समझौता पत्र पर 10 हजार लोगों से हस्ताक्षर कराकर कोर्ट जाएंगे। हालांकि इस टीम व संगठन का सुप्रीम कोर्ट से बने सुलह-समझौता पैनल ने कोई संज्ञान नहीं लिया था। यह टीम अखिल भारतीय मुस्लिम फोरम के बैनर तले सुलह के मुद्दे पर जोर आजमाइश कर रही है।
अखिल भारतीय मुस्लिम फोरम के छह सदस्यों सामाजिक कार्यकर्ता व एडवोकेट अमीर हैदर, पूर्व विधायक मुईद अहमद, पूर्व कस्टम कमिश्नर तारिक गौरी, पूर्व जज बीडी नकवी, सामाजिक कार्यकर्ता वहीद सिद्दीकी और आईजी सीआरपीएफ आफताब अहमद खां ने मंगलवार को अयोध्या पहुंचकर रामजन्मभूमि निर्माण न्यास के अध्यक्ष महंत जन्मेजय शरण की अध्यक्षता एवं पक्षकार निर्मोही अखाड़ा की मौजूदगी में जानकीघाट बड़ास्थान में बैठक की और इस दौरान चार सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया।
इसके तहत फोरम मामले के समाधान के लिए 10 हजार लोगों के बीच सहमति भी बनाएगा। बैठक में मौजूद रामजन्मभूमि के प्रधान अर्चक सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या राम की जन्मभूमि है। इसलिए अयोध्या में सिर्फ और सिर्फ राममंदिर का निर्माण होना चाहिए। बैठक में महंत नागा रामलखन दास, पूर्व कमिश्नर कस्टम तारिक गोरी, सामाजिक कार्यकर्ता उत्तम शर्मा, अधिवक्ता ज्ञानप्रकाश श्रीवास्तव सहित अन्य मौजूद रहे।