अमेठी की मालविका स्टील में सेल का निवेश बेकार


देश में सार्वजनिक क्षेत्र की सबसे बड़ी स्टील विनिर्माता कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) पूर्व में कांग्रेस की गढ़ रही अमेठी स्थित मालविका स्टील के अधिग्रहण में किया गया अपना सारा निवेश गंवा चुकी है।

संसद में पेश भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सेल द्वारा उत्तर प्रदेश की कंपनी मालविका स्टील का अधिग्रहण बेकार निवेश साबित हुआ है। बीमार कंपनी में जान फूंकने के लिए पीएसयू द्वारा किया गया 366 करोड़ रुपये का पूरा निवेश बेकार हो गया है।

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन-2 के कार्यकाल के दौरान जब इस कंपनी का अधिग्रहण हुआ था उस समय इस पर कई लोगों ने सवाल उठाया था और मालविका स्टील में सुधार लाने के लिए सेल का इस्तेमाल करने को राजनीतिक फैसला कहा गया जोकि संसदीय क्षेत्र के लोगों को खुश करने के लिए लिया गया था। इसे रोजगार के अवसर पैदा करने और शहर का औद्योगिकीकरण करने की एक बड़ी कवायद के रूप में बताया गया था।

अमेठी काफी समय से कांग्रेस का गढ़ था जहां से संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के रूप में नेहरू-गांधी परिवार के चार सांसद जीतकर आए थे। हालांकि भारतीय जनता पार्टी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के इस गढ़ को तोड़ते हुए 2019 के आम चुनाव में जीत हासिल की।

सूत्रों ने बताया कि सेल मालविका स्टील खरीदना नहीं चाहती थी क्योंकि लौह-अयस्क और कोयला का स्रोत यहां से दूर था और स्टील निर्माण की सुविधा काफी खर्चीली थी। हालांकि राजनीतिक दबाव में निवेश को उचित ठहराते हुए यह फैसला लिया गया।

कैग ने कहा कि सेल ने 44.35 करोड़ रुपये में संयंत्र व मशीनरी खरीदी लेकिन वे सभी बेकार हो गई।

मालविका स्टील के अधिग्रहण के बाद से सेल ने 45.09 करोड़ रुपये खर्च किया है जिसमें 30.42 करोड़ रुपये सुरक्षा पर, 8.79 करोड़ रुपये कर्मचारियों पर और 5.88 करोड़ रुपये अन्य खर्च के रूप में शामिल हैं।

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