अप्रैल में मिल सकती है ‘पीएम किसान’ की दूसरी किस्त

नई दिल्ली। केंद्रीय चुनाव आयोग से हरी झंडी मिलने के बाद पीएम-किसान निधि से किसानों के खाते में दूसरी किस्त अप्रैल के पहले सप्ताह से ही जमा होनी शुरू हो जाएगी। इसके लिए चुनाव आयोग से अनुमोदन की अनुमति पहले से ही मांग ली गई थी। देश के पौने पांच करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल जाएगा। उत्तर प्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र के किसानों की संख्या सर्वाधिक है।

चुनाव आयोग ने उन किसानों को भी योजना की पहली व दूसरी किस्त देने की स्वीकृति दे दी है, जिनके नाम सूची में दर्ज कराने के लिए राज्यों ने चुनाव आचार संहिता लगने तक भेज दी है। आयोग ने लाभार्थी किसानों की सूची में नाम जोड़े जाने की हामी भर ली है।

पीएम-किसान निधि के तहत देश के साढ़े 12 करोड़ लघु व सीमांत किसानों को इसका लाभ दिया जाना है। चुनाव आयोग ने योजना को लेकर निर्धारित वेबसाइट को आधार बनाया है, जिस पर किसानों की सूची में विभिन्न राज्यों की ओर से लगातार किसानों के नाम दर्ज कराये जा रहे हैं।

लेकिन इसमें इस बात का प्रावधान है कि जिन राज्यों ने चुनाव की घोषणा से पहले अपने यहां के योजना में शामिल होने के उपयुक्त किसानों के नाम सूची में दर्ज कराने के लिए निर्धारित वेबसाइट पर डाल दिया है।

केंद्र सरकार ने चुनाव की 10 मार्च को होने वाली घोषणा से पहले ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 2.75 करोड़ किसानों की पहली किस्त का दो-दो हजार रुपये जमा कराया गया है। आयोग की सहमति से देश के विभिन्न राज्यों से दो करोड़ पात्र किसानों के नाम 31 मार्च तक और जुड़ गये हैं, जिन्हें योजना का लाभ दिया जा सकेगा। उन्हें भी पहली व दूसरी किस्त मिल सकेगी। अब तक कुल 4.76 करोड़ लघु व सीमांत किसानों के नाम सूची में दर्ज किये जा चुके हैं। इसका सबसे ज्यादा लाभ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों को मिलेगा।

दरअसल किसानों के नामों की सूची कई राज्यों ने भेज तो दी है, लेकिन उन्हें आधार से अभी तक नहीं जोड़ा गया है जो एक चुनौती है। इसके अभाव में सूची को अंतिम रूप देकर किस्त जमा कराना आसान नहीं होगा। गैर भाजपा शासित राज्यों ने योजना को लेकर उदासीनता बरतते हुए उन्होंने किसानों की सूची भेजना भी मुनासिब नहीं समझा है। इनमें मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल प्रमुख हैं।

केंद्र सरकार ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले संसद में पेश अंतरिम बजट में योजना के शुरु करने की घोषणा की थी। योजना पर कुल 75 हजार करोड़ रुपये का सालाना खर्च आएगा। इसके तहत देश के साढ़े बारह करोड़ किसानों को हर साल छह हजार रुपये नगद दिया जाएगा। योजना की औपचारिक शुरुआत 24 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।

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