समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा है. अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि देश की गाड़ी का नियंत्रण अनुभवहीन, अपरिपक्व हाथों में हैं. जिन्हें अपना अहित करने का लाइसेंस जनता ने कभी नहीं दिया.
अखिलेश ने कहा कि सामाजिक सौहार्द को प्रदूषित करने वाले ऐसे कुचालकों के पास देश के आर्थिक भविष्य का कोई बीमा भी नहीं है. अब जनता इनका चालान काटेगी. अखिलेश यादव का निशाना नए ट्रैफिक नियमों के बाद काटे जा रहे भारी चालान की ओर था.
अखिलेश यादव ने कहा कि कामगार वर्ग और गरीब, किसान और नौजवान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की अनाड़ी नीति-रीति के चलते सबसे ज्यादा परेशान है. बीजेपी की चिंता में अर्थव्यवस्था सबसे आखिर में है. विकास की गति ठहरी हुई है, उसे गति नहीं मिल रही है. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर में गिरावट जारी है. रुपया डॉलर के मुकाबले काफी नीचे गिर गया है.
अखिलेश यादव ने कहा घरेलू ट्रैक्टर उद्योग में इस वित्तीय वर्ष के जून महीने में 32 फीसदी गिरावट आई है. ऑटो मोबाइल सेक्टर दम तोड़ने लगा है. कृषि कार्यों में लोगों की असुरक्षा बढ़ी है. भारतीय अर्थव्यवस्था अब सातवें नम्बर पर पहुंच गई है. मुल्क के हालात 70 सालों में भी इतने बुरे नहीं रहे, जितने आज हैं.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी की केन्द्र सरकार ने देश को आर्थिक अराजकता, मंदी, अपराध और लोकतंत्र के अवमूल्यन की दिशा में ढकेला है. उत्तर प्रदेश राज्य सरकार का ढाई वर्ष का पूरा कार्यकाल समाजवादी सरकार की योजनाओं को अपना बताने में ही बीत गया है. बीजेपी राज में विकास, तरक्की और रोजगार पर तो ग्रहण लग गया है पर भ्रष्टाचार को छूट मिल गई है.
अखिलेश यादव ने कहा कि विदेशी निवेशकों ने भी भारत के बाजार से अगस्त के महीने में लगभग 6000 करोड़ रुपया और निकाल लिया है. ये हालात दर्शाते हैं कि सिर्फ देश की जनता ही नहीं, विदेशी निवेशक भी बीजेपी सरकार में अपना भरोसा खो चुके हैं. उद्योग जगत में छंटनी का दौर चल रहा है. अभी पिछले दिनों पारले बिस्कुट की मुंबई स्थित फैक्ट्री का बंद होना और मारुति गाड़ी के मानेसर प्लांट में शटडाउन होना, अर्थव्यवस्था के डूबने का ही सूचक है.