पणजी। गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के अध्यक्ष और विधायक विजय सरदेसाई ने दावा किया है कि अगर यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) से पर्यटक नहीं आते हैं तो तटीय राज्य को 500 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। सरदेसाई, हालांकि विपक्ष में हैं, उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक साथ लड़ने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए तैयार हैं।
सरदेसाई ने कहा, मैं पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से वीजा प्रतिबंध हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे को उठाने की अपील करना चाहता हूं। हम एक साथ आ सकते हैं और इस मुद्दे पर पीएम से मिल सकते हैं।
उन्होंने कहा, विदेश मंत्रालय द्वारा नए वीजा प्रतिबंध के कारण, जहां ब्रिटिश पर्यटकों को इंग्लैंड में नौ केंद्रों (वीजा प्रसंस्करण) से वीजा लेना पड़ता है, वहीं गोवा को छोटे और मध्यम होटलों को प्रतिदिन 7 से 8 बुकिंग रद्द करने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
सरदेसाई ने कहा, यह (प्रतिबंध हटाना) महत्वपूर्ण है, क्योंकि गोवा में सालाना कम से कम 40,000 से 50,000 पर्यटक यूके से आते हैं। पूर्व महामारी अवधि के आंकड़ों के अनुसार, प्रत्येक पर्यटक लगभग 98000 रुपये खर्च करता है, जिसका अर्थ है कि इस क्षेत्र से लगभग 500 करोड़ रुपये का कारोबार होता है।
सरदेसाई के अनुसार, राज्य के खजाने को कुल कारोबार से 10 प्रति जीएसटी राजस्व मिलता है, जो 50 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, अगर वीजा प्रतिबंधों में ढील नहीं दी गई तो सरकार इसे खो देगी।
उन्होंने कहा कि पहले रूस से 35 से 40 फीसदी पर्यटक गोवा पहुंचते थे, लेकिन अब रूस और यूक्रेन युद्ध के कारण ये पर्यटक तटीय राज्य में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा, इसलिए अब हमें इंग्लैंड से इस जगह को भरने की जरूरत है।
इससे पहले अगस्त में पर्यटन मंत्री रोहन खुंटे ने कहा था कि ई-वीजा उपलब्ध कराना भी जरूरी है, ताकि विदेशी पर्यटकों के आने का वही प्रवाह राज्य में बना रहे। सरकार इस मामले को देख रही है।
उन्होंने कहा था कि सरकार ने राज्य के पर्यटन उद्योग की मदद के लिए केंद्र सरकार के साथ ई-वीजा के मुद्दे को यूनाइटेड किंगडम में उठाने का फैसला किया है।
कोविड और अन्य मुद्दों के कारण विदेशी पर्यटकों के कम संख्या में आने के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए गोवा के ट्रैवल एंड टूरिज्म एसोसिएशन (टीटीएजी) ने भी कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को यूके के लिए ई-वीजा जारी करने का केंद्र सरकार से आग्रह करना चाहिए।
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