सऊदी में तेल संयंत्रों पर हमले का भारतीय अर्थव्यस्था पर पड़ सकता है असर


सऊदी तेल परिसर पर हुए ड्रोण हमले का निकट भविष्य में भारतीय शेयर बाजार पर बड़ा असर पड़ सकता है। हमले के बाद कच्चे तेल की आपूर्ति घटेगी, जिससे तेल मूल्य में बढ़ोतरी होगी। ऐतिहासिक ट्रेंड है कि तेल मूल्य बढ़ने पर भारतीय शेयर बाजार गिरता है और तेल मूल्य घटने पर भारतीय शेयर बाजार चढ़ता है। सोमवार को प्रमुख कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के भाव में शुरुआती कारोबार में करीब 20 फीसदी का उछाल दर्ज किया गया था। हालांकि शाम तक यह तेजी घटकर करीब 10 फीसदी रह गई।

ड्रोण हमले के बाद आधी रह गई सऊदी अरब की तेल उत्पादन क्षमता
ड्रोण हमले और तेल परिसर को पहुंचे नुकसान के बाद सऊदी अरब की तेल उत्पादन क्षमता घटकर आधी रह गई। यही नहीं अंतरराष्ट्रीय तेल आपूर्ति भी अचानक करीब छह फीसदी घट गई है। जल्द ही यह कमी दूर होने की उम्मीद नहीं है। इसलिए कीमतें भी जल्द नीचे नहीं आएंगी।

प्रभावित होगी भारतीय अर्थव्यवस्था
भारत में हर साल जितने कच्चे तेल की खपत होती है, उसके 80 फीसदी की पूर्ति आयात से होती है। इसलिए भारत को तेल आयात पर भारी भरकम राशि खर्च करना पड़ता है। यदि तेल की कीमत बढ़ेगी तो भारत को इसके आयात पर और अधिक खर्च करना पड़ेगा। इसके कारण देश का चालू खाता घाटा बढ़ेगा। तेल कीमत बढ़ने से अर्थव्यवस्था प्रभावित होने से देश की विकास दर घटेगी। मुद्रा का मूल्य भी कम हो सकता है।

यह है गणित
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक कच्चे तेल की कीमत यदि एक डॉलर बढ़ती है, तो भारत का आयात खर्च डेढ़ अरब डॉलर बढ़ जाता है। सोमवार को ही तेल कीमत करीब छह डॉलर बढ़ गई है। 2019-20 में भारत ने हर महीने औसतन नौ अरब डॉलर मूल्य के तेल का आयात किया है। इसी तरह कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर की बढ़ोतरी होने पर आर्थिक विकास दर को 0.40 फीसदी का नुकसान पहुंचता है।

पेट्रोल-डीजल बेचने वाली कंपनियों को होगा नुकसान
कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से तेल की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों को नुकसान होगा। इन कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन, जैसी कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों का मार्जिन घटेगा।

तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों को होगा फायदा
कच्चा तेल महंगा होने से तेल उत्पादन करने वाली कंपनियों को फायदा होगा। क्योंकि उनके उत्पादन खर्च में कोई बढ़ोतरी नहीं होने वाली है, लेकिन वे ऊंची कीमत पर तेल बेच सकेंगी। ऐसी कंपनियों में ओएनजीसी, ऑयल इंडिया, रिलायंस इंडस्ट्रीज, आदि शामिल हैं।

वाहन क्षेत्र में और बढ़ेगी सुस्ती
महंगा कच्चा तेल वाहन क्षेत्र को और सुस्त करेगा। इसका कारण यह है कि कच्चा तेल महंगा होने से पेट्रोल-डीजल महंगा हो जाएगा। इससे वाहन रखने का खर्च बढ़ जाएगा। वाहन क्षेत्र पहले से सुस्ती की चपेट में है। तेल महंगा होने से सुस्ती और गहराएगी।

आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार
तेल महंगा होगा तो ढुलाई महंगी हो जाएगी। इससे हर वस्तु की कीमत बढ़ेगी। इससे चौतरफा महंगाई बढ़ेगी।

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