पाकिस्तान ने इमरान के भाषण के जवाब में भारत के सवालों को नजरअंदाज किया


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के घृणा फैलाने वाले और युद्ध की धमकी देने वाले भाषण पर भारत की प्रतिक्रिया का जवाब देते हुए पाकिस्तान (Pakistan) ने भारत पर धर्मनिरपेक्षता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया और इस्लामाबाद के आतंकवाद के संबंध पर भारत के सवाल को नजरअंदाज कर दिया.

संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के द्वितीय सचिव मुहम्मद जुलकारनैन भारत द्वारा शनिवार को इमरान खान के भाषण के परिपेक्ष्य में पूछे गए सवाल का सीधा जवाब देने में नाकाम रहे. खान ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाषण दिया था.

जुलकारनैन ने भारत के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने पर सवाल उठाया और महात्मा गांधी की चर्चा की, जिन्हें इस्लामिक देश के संस्थापकों ने खारिज कर दिया था.

उन्होंने कहा कि भारत की एकमात्र उपलब्धि ‘उसके तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के ताने-बाने के प्रति ढोंग का पर्दाफाश करना है.’

जुलकारनैन ने भारत द्वारा इमरान के भाषण पर उठाए गए ठोस सवालों से ध्यान भटकाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) पर निशाना साधा.

संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा था कि ‘खान की ओर से परमाणु युद्ध की धमकी देना उनकी अस्थिरता को दर्शाता है न कि उनकी राजनीतिज्ञता को.’

जुलकारनैन ने गौरक्षकों द्वारा पीट-पीट कर लोगों को मार देने और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग की रिपोर्ट का जिक्र किया, लेकिन मैत्रा द्वारा पूछे गए सवालों पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. मैत्रा ने खान के खुले तौर पर ओसामा बिन लादेन का समर्थन करने, देश में स्थित संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 130 आतंकवादियों और 25 आतंकवादी संगठनों, न्यूयार्क में उसके हबीब बैंक को बंद किए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल का कोई जवाब नहीं दिया.

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