प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वन नेशन वन रिसर्च सेंटर बनकर लगभग तैयार हो गया है. इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च के महानिदेशक डॉ राजीव बहल के मुताबिक यह सेंटर नागपुर में बन रहा है. इसके तैयार होने के बाद पशु पक्षियों से फैलने वाले खतरनाक संक्रमणों पर रिसर्च की जा सकेगी. यह लैब अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होगी.
सूत्रों के मुताबिक भारत में अपने आप में ये सबसे बड़ा रिसर्च सेंटर होगा. इस सेंटर में जी20 से जुड़े सभी देश अपने अनुभव और रिसर्च को साझा करेंगे. इससे मेडिकल के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आने की संभावना है. रिसर्च सेंटर को अधिकार होगा कि देश के पक्षी प्रवास के किसी भी जगह पर जाकर वो रिसर्च कर सकते हैं, जिसमें चिड़ियाघर और बर्ड सेंच्युरी शामिल है.
हाल के वर्षों में यह पाया गया है कि कोविड से लेकर स्वाइन फ्लू हो या फिर कोई और बीमारी अधिकतर बीमारी की शुरुआत विदेश में या विदेशी पृष्ठभूमि से होती है. मौजूदा हालात में केरल में जिस तरह से निपाह का खतरा मंडरा रहा है ये भी बीमारी मलेशिया से आई है. ऐसे में नॉलेज शेयरिंग के लिहाज से ये अहम केन्द्र बनेगा. यहां अत्याधुनिक लैब सुसज्जित होगा, जिसमें जैव सुरक्षा स्तर बीएसएल-चार प्रयोगशाला होगी. ये सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित उभरते जूनोटिक एजेंटों के प्रकोप की जांच करने और बेहतर नियंत्रण रणनीति विकसित करने में मदद करेगा.
काफी समय से देखा गया है कि जिस जगह पर अघिक जंगल है वहां से आए दिन नई बीमारी इंसान को अपना शिकार बना रही है. दक्षिण अफ्रीका इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. देखा जा रहा कि लोगों को होने वाले आधे से अधिक संक्रमण जानवरों द्वारा फैल सकते हैं.