‘अगर कोई आलोचना को निंदनीय रूप से देखता है तो..’ कॉलेजियम नियुक्ति प्रक्रिया पर बोले CJI चंद्रचूड़

भारत के मुख्य न्यायाधीश न्‍यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को कहा कि वह कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना को “बहुत सकारात्मक” और “आशावादी” परिप्रेक्ष्य में लेते हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई आलोचना को निंदनीय रूप से देखता है, तो संस्थान में बेहतर सुधार नहीं किया जा सकता है.

यह देखते हुए कि संवैधानिक अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति पर विचार करते समय तथ्यात्मक डेटा की कमी के लिए कॉलेजियम की आलोचना की जाती है. उन्होंने कहा कि नियुक्तियों को अधिक पारदर्शी एवं वस्तुनिष्ठ बनाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पास उच्‍च न्‍यायालयों में न्‍यायाधीशों द्वारा दिये जा रहे निर्णयों, रिपोर्ट करने योग्य निर्णयों और निर्णयों की गुणवत्ता पर डेटा है.

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कही बड़ी बातें
सीजेआई चंद्रचूड़ ने राम जेठमलानी व्याख्यान श्रृंखला के चौथे संस्करण को संबोधित करते हुये कहा, ‘मेरे पास अनुसंधान एवं योजना केंद्र है… हमने एक व्यापक मंच तैयार किया है, जिसके माध्‍यम से हम देश के शीर्ष 50 न्यायाधीशों में से हर एक तक पहुंच पाएंगे. जिनके नाम पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा.’

कॉलेजियम के फैसले को अधिक पारदर्शी बनाने पर जोर
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में न्यायाधीशों के चयन में कॉलेजियम के फैसले को अधिक उद्देश्यपूर्ण और पारदर्शी बनाने का काम “अभी भी प्रक्रिया में है” लेकिन इसमें “सुधार” हो रहा है. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि चयन के उद्देश्यों के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित किए जा रहे हैं और चयन के दौरान कॉलेजियम द्वारा की गई चर्चा को “स्पष्ट रूप से” सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की हालिया पहल का उल्लेख किया जहां शीर्ष अदालत के मामले का विवरण दैनिक वास्तविक समय के आधार पर राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) पर उपलब्ध कराया जाएगा. नई पहल के तहत, केस प्रबंधन रिपोर्ट तैयार करने के लिए मामले की उम्र के आधार पर दीवानी और आपराधिक दोनों मामलों के सुप्रीम कोर्ट केस डेटा का विश्लेषण किया जा सकता है.

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