SCO Summit: डिनर पर पाक विदेश मंत्री बिलावल और जयशंकर ने मिलाए हाथ, फिर भी द्विपक्षीय बैठक की उम्मीद नहीं

गोवा: शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की परिषद (सीएफएम) में हिस्सा लेने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा आए हुए हैं। इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार (4 मई) की शाम को रूस, चीन, पाकिस्तान और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के अन्य सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के लिए भव्य स्वागत समारोह की मेजबानी की। इसके साथ ही समूह के दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर  ने पहले दिन रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीन के विदेश मंत्री किन गांग से भी मुलाकात की।

मालूम हो कि भारत एससीओ सम्मेलन की मेजबानी ऐसे समय में कर रहा है जब पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध के कारण चीन के साथ उसके संबंध तनावपूर्ण हैं।

वर्तमान में भारत के लिए एससीओ का महत्व बहुत है। इसमें भारत को दक्षिण एशिया में स्थान देने के साथ-साथ अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने का मौका भी मिलता है। भारत एससीओ संगठन के देशों में एक महत्वपूर्ण देश के रूप में उभरा है। इस संगठन में चीन और रूस प्रमुख देश हैं। इस संगठन को नाटो के विकल्प के तौर पर भी देखा जाता है। ऐसे में एससीओ का सदस्य होते हुए भी भारत चार देशों के संगठन क्वाड का भी सदस्य है।

दरअसल, एससीओ का मुख्य उद्देश्य संबंधित देशों के बीच सहयोग, अपराध और आतंकवाद से लड़ाई, बाहरी यात्रा और व्यापार को सुविधाजनक बनाना, राष्ट्रीय सुरक्षा में सहयोग, तकनीकी सहयोग और अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसी अनेक विषयों पर सहमति विकसित करना होता है। एससीओ समिट (SCO Summit) एक आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जो दक्षिणी एशिया में स्थित देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। इस संगठन का निर्माण 2001 में शंघाई में हुआ था और इसमें चीन, रूस, भारत, पाकिस्तान, कजाखस्तान, उजबेकिस्तान, तजाकिस्तान और किर्गिज़स्तान शामिल हैं।

बेनौलिम में समुद्र के किनारे ताज एक्सोटिका रिसॉर्ट में आयोजित एससीओ स्वागत समारोह में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग, रूस के सर्गेई लावरोव और पाकिस्तान के बिलावल भुट्टो जरदारी, उज्बेकिस्तान के बख्तियार सैदोव और एससीओ महासचिव झांग मिंग ने भाग लिया। स्वागत समारोह में कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्री भी शामिल हुए। शाम का सांस्कृतिक कार्यक्रम बॉलीवुड की नृत्य शैलियों के साथ-साथ भारतीय शास्त्रीय और लोक नृत्य का मिश्रण था।

स्वागत समारोह के बाद डिनर का भी आयोजन किया गया। इस दौरान विदेश मंत्रियों ने एक दूसरे का अभिवादन किया। हालाँकि सभी की नजरें पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और एस जयशंकर के जैस्चर पर टिकी रहीं। दोनों नेताओं ने इस दौरान हाथ भी मिलाए। लेकिन इसके बावजूद, विदेश मंत्री एस जयशंकर और बिलावल भुट्टो के बीच द्विपक्षीय बैठक की फिलहाल कोई योजना नहीं है, क्योंकि अभी तक पाकिस्तानी पक्ष से इसके लिए कोई अनुरोध नहीं आया है। लेकिन, इसके वावजूद एससीओ सम्मेलन से अलग जयशंकर और बिलावल के बीच कोई वन टू वन मीटिंग होगी या नहीं इस पर भी खास नजर रहेगी।

शुक्रवार को होने वाली एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में चीन के विदेश मंत्री किन गांग, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लॉवरोव, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी शामिल होंगे। 

ग़ौरतलब है कि करीब 12 साल बाद किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की भारत यात्रा है। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी।

इस बार गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल ने गोवा पहुंचने पर कहा कि मैं एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए गोवा पहुंचकर बहुत खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि एससीओ सीएफएम की बैठक सफल होगी। उन्होंने कहा, “मेरी यात्रा के दौरान, जो विशेष रूप से एससीओ पर केंद्रित है, में मैं मित्र देशों के अपने समकक्षों के साथ रचनात्मक चर्चा की उम्मीद करता हूं।

बिलावल 2011 के बाद से भारत की यात्रा करने वाले पाकिस्तान के पहले विदेश मंत्री हैं। उनसे पहले हिना रब्बानी खार ने 2011 में शांति वार्ता के लिए पाकिस्तान की विदेश मंत्री के रूप में भारत की यात्रा की थी। खार फिलहाल विदेश राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रही हैं. इसके बाद मई 2014 में पूर्व पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था।

-डॉ. शाहिद सिद्दीक़ी, Follow via Twitter @shahidsiddiqui

 

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