पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है. पिछले साल अप्रैल में पद से हटने के बाद इमरान खान एक के बाद एक मामले में फंसते जा रहा है. ताजा मामला उनकी सरकार गिराने के पीछे अमेरिका द्वारा कथित अंतरराष्ट्रीय साजिश रचने के आरोपों में चल रही जांच को लेकर है. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने बुधवार को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान को राजनयिक ‘केबल’ (गुप्त संदेश) प्रकरण से संबंधित एक मामले में 1 अगस्त को पेश होने के लिए समन भेजा है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री ने दावा किया है कि इसमें उनकी सरकार के खिलाफ अमेरिका द्वारा दी गई धमकी का ब्यौरा शामिल है.
बताते चलें कि देश की गोपनीय जानकारी लीक होने के मामले को व्यापक तौर पर ‘सिफर मामले’ के नाम से जाना जाता है. पीटीआई चीफ इमरान खान को पिछले साल अप्रैल में पाकिस्तान के पीएम पद से हटा दिया गया था. वहीं, मार्च 2022 को एक पब्लिक मीटिंग में इमरान खान (Pakistan Former PM Imran Khan) ने उस पत्र को भी खारिज कर दिया जिसमें दावा किया गया था कि यह उनकी सरकार को गिराने के लिए अमेरिका द्वारा समर्थित ‘अंतर्राष्ट्रीय साजिश’ का सबूत था. इस बीच देखा जाए तो एक दिन पहले भी एफआईए ने पूर्व प्रधानमंत्री से करीब दो घंटे तक पूछताछ की थी और मामले में उनका बयान दर्ज किया था.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक जियो न्यूज के अनुसार ताजा नोटिस में जांच एजेंसी ने खान को सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ 1 अगस्त को दोपहर में संयुक्त जांच टीम के सामने पेश होने के लिए कहा है. इस सप्ताह की शुरुआत में, संघीय एजेंसी एफआईए ने विवादास्पद अमेरिकी सिफर की चल रही जांच के संबंध में पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरेशी से भी करीब 2 घंटे तक पूछताछ की थी.
जियो न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, पिछले हफ्ते पीटीआई प्रमुख के सहयोगी आजम खान (Azam Khan) ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था और खुलासा किया कि तत्कालीन प्रधान मंत्री (इमरान खान) ने 2022 में वाशिंगटन में पाकिस्तान के दूत द्वारा भेजे गए राजनयिक सिफर (diplomatic cypher) का इस्तेमाल प्रतिष्ठान और विपक्ष के खिलाफ एक कहानी गढ़ने के लिए किया था.
सूत्रों बताते हैं कि आजम खान पिछले माह से लापता चल रहे थे. लेकिन उन्होंने अब मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है.
सिफर मामले पर अपने बयान के बाद पूर्व पीएम ने कहा कि जब तक पूरी जानकारी सामने नहीं आ जाती वह इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे. एआरवाई न्यूज के मुताबिक, उन्होंने कहा कि अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि आजम खान ने ये बयान किन परिस्थितियों में दिया है.
उधर, पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने पिछले सप्ताह बृहस्पतिवार को इमरान खान को चेतावनी दी थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री (खान) ने देश की गोपनीय जानकारियों के लीक होने के मामले की जांच में सहयोग नहीं दिया तो उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है. सनाउल्लाह की यह चेतावनी, इमरान खान पर उनके ही एक करीबी सहयोगी द्वारा लगाए गए आरोपों के एक दिन बाद आई थी. इमरान के करीबी ने उन पर अमेरिका में पाकिस्तान के मिशन से एक राजनयिक ‘केबल’ (गुप्त संदेश) का उपयोग कर सरकार के खिलाफ साजिश होने का विमर्श तैयार करने का आरोप लगाया था.