देश की राजधानी दिल्ली में इस साल के आखिर में जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) होने जा रहा है. इसको लेकर राजधानी की सुरक्षा को चाकचौबंद करने की तैयारियां की जा रही हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) सुरक्षा को लेकर फुलप्रूफ तैयारियां कर रही है. सुरक्षा कवच में एक नया अध्याय जोड़ते हुए दिल्ली पुलिस ने एक ऐसी यूनिट तैयार की है जोकि 19 ‘मॉर्कवुमेन’ के नाम से जानी जाएगी. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा (IPS Sanjay Arora) के निर्देशन में 19 महिला जवानों को मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में निशानेबाजी (Marksman) की स्पेशल ट्रेनिंग दिलवाकर ट्रेंड किया गया है जिनकी तैनाती जी20 शिखर सम्मेलन में की जाएगी. इन सभी महिला जवानों को भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) द्वारा मध्य प्रदेश के करेरा में 4 सप्ताह की स्पेशल ट्रेनिंग देकर प्रशिक्षित किया गया है.
बताते चलें कि दिल्ली पुलिस ने इससे पहले इन 19 महिलाओं को जमरूदपुर में अपनी विशेष हथियार और रणनीति (SWAT) इकाई में ट्रेनिंग के लिए भेजा था. इसके बाद इन सभी महिला कमांडो को ‘निशानेबाजी‘ कोर्स के लिए भेजने का फैसला किया गया. यह निर्णय दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा (Delhi Police Commissioner Sanjay Arora) ने तब लिया जब उन्होंने कुछ माह पहले ही SWAT यूनिट का दौरा किया था. बताते चलें कि संजय अरोड़ा दिल्ली पुलिस का कमिश्नर पद संभालने से पहले आईटीबीपी (ITBP DG) के महानिदेशक का पदभार भी संभाल चुके हैं.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेने वाली 27 वर्षीय निशा चौधरी का कहना है कि उन्होंने 2018 में दिल्ली पुलिस को ज्वाइन किया था. इसके बाद शुरुआत में उनकी तैनाती पीसीआर यूनिट के साथ की गई. इस दौरान हमसे पूछा गया कि क्या SWAT में शामिल होने की इच्छुक हैं. इसके बाद मैंने यूनिट ज्वाइन की और कई कठिन और चुनौतीपूर्ण ट्रेनिंग सेशनों को पार किया. लेकिन हाल ही में, मुझे 18 महिला साथियों के साथ करेरा में 4 सप्ताह के ट्रेनिंग सेशन के लिए भेजा गया, जिससे मेरे शूटिंग कौशल में सुधार हुआ है.
निशा बताती हैं कि वो उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली हैं और उनका परिवार खेती करता है. परिवार में 3 भाई-बहनों में वो सबसे बड़ी हैं. उनका कहना है कि मेरे पिता एक किसान हैं लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं एक दिन इतना अहम काम करूंगी. मैंने फिल्मों में निशानेबाजों को देखा है, लेकिन अब, हमें जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान खास जगहों पर तैनात किया जाएगा.
दिल्ली पुलिस के पहले बैच की मार्कवुमेन की टॉपर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर की निवासी किरण का कहना है कि हमारे देश में इस तरह के प्रतिष्ठित आयोजन के दौरान एक निशानेबाज के रूप में काम करना एक सपने के सच होने जैसा है. यह ट्रेनिंग कोर्स बहुत उपयोगी था और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है.
निशानेबाजी की ट्रेनिंग लेने वाली एक अन्य मार्क्सवुमेन हरियाणा के हिसार की सुखवंती ने कहा कि हमें पहले भी 3 माह तक ट्रेनिंग दी गई थी. लेकिन इस कोर्स ने हमारे कौशल को निखारा है. अब, मैं अपना 100 प्रतिशत देने के लिए तैयार हूं. दिलचस्प बात यह है कि इन 19 मार्कवुमेन में उत्तर पूर्व राज्य मणिपुर और असम की मूल निवासी दो महिला पुलिसकर्मी भी हैं.
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस ट्रेनिंग कोर्स की शुरुआत 19 जून से हुई जोकि 15 जुलाई को समाप्त हुई. उन्हें निशानेबाज के तौर पर गोलीबारी के बुनियादी सिद्धांतों की ट्रेनिंग दी गई. कांस्टेबल किरण निशानेबाजी में 95 फीसदी अंक हासिल कर पहले स्थान पर रहीं. सभी 19 महिलाओं को 100 गज की दूरी से 4 सेमी के लक्ष्य को मारने के लिए प्रशिक्षित किया गया है.
डीसीपी (विशेष सेल और स्वाट यूनिट) इंगित प्रताप सिंह ने कहा कि हमने 19 महिला स्वाट कमांडो का चयन किया क्योंकि उनमें अधिक धैर्य है, और उन्हें प्रशिक्षण प्रदान किया गया. उन्हें राइफल टेलीस्कोप का उपयोग करने के लिए भी ट्रेंड किया गया है.
मध्य प्रदेश के करेरा स्थित आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर के प्रभारी डीआइजी सुरिंदर खत्री ने दिल्ली पुलिस मुख्यालय को बताया कि महिला कमांडो ने अनुशासन का उच्च मानक बनाए रखा और ट्रेनिंग लेने में गहन रुचि दिखाई है.