आर्थिक बदहाली और अलोकतांत्रिकता के एक साल !

“आर्थिक बदहाली के साये में शुरू हुआ नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला साल…

कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा मजबूर हमारे मजदूर

लॉकडाऊन आनन फानन में कर दिया गया बिना किसी प्रीप्लेन के गरीबों की आर्थिक रीढ को…

फेक न्यूज नहीं है प्रेस की आजादी- प्रकाश जावडेकर

भारत में केवल एक मौका ऐसा आया, जब प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया। वह…

इंटरनेट पर कॉम्यूनल वायरस: प्रेस की आज़ादी के नाम पर फ़र्ज़ी ख़बर कितना जायज़ ?

देश में कोरोना वायरस के कुल मामले करीब ८०,००० के आस-पास पहुंच गए हैं । संक्रमण…

COVID-19: अफ्रीकावासियों के पास मन को मजबूत करने के अलावा कोई विकल्प नहीं !

पूरी दुनिया में जहां कोरोना वायरस के कारण मरीजों और मौत के आंकड़ों में दिनोंदिन तेजी…

“अगर मैं मजदूर ना होता-तो आज इतना मजबूर ना होता”

“वक्त का यह परिंदा रुका है कहां, मैं था पागल जो इसको बुलाता रहा।  चार पैसे…

कोराना लॉकडाउन अवधि में महानायक बनकर उभरा भारत का अन्नदाता किसान

  कैलाश चौधरी, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री वर्तमान में जहां पूरा विश्व कोरोना वायरस…

कोरोना लॉकडाउन: ज़िंदा रहने के लिए संघर्ष ज़रूरी है !

  कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अचानक लगाए गए 21 दिनों…

62.5% लोग आर्थिक तंगी का शिकार, नहीं है सामान खरीदने को पैसे

विभिन्न समूहों-सामाजिक, आय, आयु, शिक्षा, धर्म और जेंडर के 62.5 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके…

स्पेनिश फ्लू का दूसरा दौर क्यों था इतना घातक!

नई दिल्ली,- पूरे दुनिया में इस समय कोरोनावायरस महामारी की वजह से कोहराम मचा हुआ है…