केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने जेईई मेंस और जेईई एडवांस के लिए एक 19 सदस्यीय बोर्ड गठित किया है। आईआईटी व इंजीनियरिंग के अन्य संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाले एग्जाम ‘जेईई’ के आयोजन के लिए बोर्ड गठन है। बोर्ड के चेयरमैन आइआइटी मद्रास के पूर्व निदेशक प्रोफेसर भास्कर रामामूर्ति हैं।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक जेईई मेंस व जेईई एडवांस की प्रक्रिया और बेहतर एवं पारदर्शी बनाने के लिए जेईई बोर्ड का गठन किया गया है। जेईई के इस शीर्ष बोर्ड में कुल 19 सदस्य होंगे।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के डायरेक्टर जनरल ( डीजी ) को शिक्षा मंत्रालय ने इस बोर्ड का सदस्य सचिव बनाया है। हर बार की तरह इस बार भी जेईई के इस बोर्ड में विभिन्न आईआईटी संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। शीर्ष बोर्ड में आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी गुवाहाटी और आईआईटी खड़कपुर के निदेशक इस बोर्ड में शामिल रहते हुए महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाएंगे।
सीबीएसई के चेयरमैन को भी बोर्ड में स्थान दिया गया है। शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी को भी बोर्ड में जगह मिली है। बोर्ड में एनआइटी व ट्रिपल आइटी के निदेशकों के और गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक और बिहार के प्रतिनिधियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा रहा है।
जून और जुलाई माह के दौरान दो अलग-अलग चरणों में जेईई मेंस की परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं। जेईई मेंस के पहले चरण की परीक्षा 20 जून से शुरू हो रही है। यह परीक्षाएं पूरी होने के उपरांत अगले चरण की परीक्षाएं जुलाई महीने के दौरान आयोजित की जाएंगी। इन दोनों ही परीक्षाओं में उत्तरी एवं मेरिट हासिल करने वाले छात्रों के लिए अगस्त माह के दौरान जी एडवांस की परीक्षाएं ली जाएंगी। इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्र देश के विभिन्न आईआईटी व एनआईटी एवं ट्रिपल आईटी संस्थानों में दाखिला ले सकेंगे।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक जेईई का यह नया शीर्ष बोर्ड पहले से मौजूद जेईई बोर्ड का स्थान लेगा। जेईई के पुराने बोर्ड का कार्यकाल 31 मार्च को खत्म हो चुका है। मंत्रालय का कहना है कि यह शीर्ष बोर्ड पिछले बोर्ड के मुकाबले काफी व्यापक है। जेईई के जेईई नए शीर्ष बोर्ड का एक सचिवालय होगा। यह सचिवालय जेईई एग्जाम को लेकर फुल टाईम काम करेगा।
19 सदस्यीय यह शीर्ष बोर्ड अगले दो वर्ष 2022 और 2023 के दौरान ली जाने वाली जेईई परीक्षाओं की व्यवस्था करेगा। अब 19 सदस्यीय एक नए शीर्ष बोर्ड के पास होगा। पास जेईई मेंस परीक्षा से जुड़ी नीति, नियम व व्यवस्था इस बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में होगा। जेईई से संबधित प्रशासनिक विषय, वित्तीय निर्णय व अदालती मामलों की जिम्मेदारी भी इसी बोर्ड के पास रहेगी।
गौरतलब है कि जेईई ऐसी अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं को जमीनी स्तर पर आयोजित कराने की जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की होती है। संस्थान नियम-कायदे,सिलेबस, पाठ्यक्रम, परीक्षा पत्र आदि तय करते हैं और इसे जमीनी स्तर पर नेशनल टेस्टिंग द्वारा आयोजित करवाया जाता है। जेईई के नए शीर्ष बोर्ड में भी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को नजरअंदाज नहीं किया गया है।