नई दिल्ली -महानायक अमिताभ बच्चन कोरनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद, वर्तमान में मुंबई के नानावटी अस्पताल में भर्ती हैं. उन्होंने मरीजों के मानसिक स्वास्थ्य पर कोरोनावायरस के खतरनाक प्रभावों के बारे में बात की है. महानायक अभी किसी के संपर्क में नहीं हैं|
लेकिन उनका ब्लाक हमेशा की तरह अभी भी आ रहा है. इस बार ब्लाक में उन्होंने अस्पताल के अनुभव के बारे में बताया है|
उन्होंने लिखा, “रात के घने अंधेर में और एक ठंडे कमरे में, मैं गाता हूं. सोने की कोशिश में आंखें बंद करता हूं.. आपके पास कोई नहीं होता. कोरोना वायरस से पीड़ित मरीज की मानसिक स्थिति स्पष्ट दिखती है. अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है|
उन्होंने कहा, “कई हफ्तों से किसी अन्य इंसान को देखने के लिए नहीं मिला. नर्स और डॉक्टर होते हैं, लेकिन वे हमेशा पीपीई यूनिट में दिखते हैं. आपको कभी पता नहीं चलता कि वे कौन हैं, उनकी बनावट और भाव कैसे हैं, क्योंकि वे हमेशा प्रोटेक्शन यूनिट में कवर रहते हैं. सब सफेद हैं. उनकी मौजूदगी लगभग रॉबोटिक है|
जो दवाइयां खाने के लिए दी जाती हैं, बस वहीं देने आते हैं और चले जाते हैं. चले इसलिए जाते हैं, क्योंकि कहीं संक्रमण उन्हें न हो जाए. जिन डॉक्टर्स की निगरानी में इलाज चल रहा है वे भी आपके पास नहीं होते हैं. वे मरीजों से वीडियो कॉल के जरिए बात करते हैं. अभी के हालात के लिए यही सबसे उचित है|
अमिताभ कहते हैं कि क्या इसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है. साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक इसका असर पड़ता है. यहां से निकलने के बाद भी मरीज डरे हुए रहते हैं. वे सार्वजनिक स्थानों पर जाने से डरते हैं|
उन्हें डर लगता है कि लोग उनके साथ अलग तरह से व्यवहार करेंगे. ऐसे व्यवहार करेंगे जैसे आप वो बीमारी लेकर चल रहे हैं. इसे परियाह सिंड्रोम (छुआछूत का डर) कहते हैं. इससे लोग डिप्रेशन और अकेलेपन में जा रहे हैं|
अभिषेक बच्चन, ऐश्वर्य राय बच्चन और बेटी आराध्या भी कोरोनावायरस से पॉजिटिव पाए जाने के बाद वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं.