भाजपा ने गुरुवार को दिल्ली हिंसा पर हो रही राजनीति को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भाजपा ने आरोप लगाया कि देश की राजधानी में हुए दंगों का कांग्रेस और आप मिलकर राजनीतिकरण कर रहे हैं। साथ ही पार्टी ने दावा किया कि हिंसा भड़काने का प्रयास पिछले साल दिसंबर से ही किया जा रहा था जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आर या पार वाला बयान दिया था।
पार्टी दफ्तर में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पूछा कि दिल्ली पुलिस के जवान और खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा की मौत को लेकर सभी पार्टियों ने चुप्पी क्यों साधी हुई है? उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में सभी राजनीतिक पार्टियों का दायित्व शांति व्यवस्था कायम करना है।
दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी को निशाने पर लेते हुए जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विधानसभा में धर्म के आधार पर दंगा पीड़ितों की पहचान करने के बजाय उनके आप विधायकों को शांति के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि हिंसा भड़काने की कोशिशें दो महीने से चल रही थी, जब सोनिया गांधी ने दिसंबर में एक रैली में ‘अंतिम लड़ाई’ और ‘आर या पार’ का आह्वान किया था।
जावड़ेकर ने कहा कि भाजपा शांति कायम करने का काम कर रही है और हिंसा पर राजनीति करने के लिए कांग्रेस और आप की निंदा करते हैं। इनकी वजह से दिल्ली में हुए हिंसा के चलते अब तक 34 लोगों की जान चली गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
केंद्रीय मंत्री ने जोर दिया कि गृह मंत्री अमित शाह की सक्रियता से दो दिनों में शांति बहाल हो गई है। साथ ही जांच तेज की गई है और गिरफ्तारियां हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अमित शाह से इस्तीफा मांगना तुच्छ राजनीति का प्रतीक था।
इससे पहले, कांग्रेस ने दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश एस मुरलीधर के इस्तीफे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला और आरोप लगाया कि मोदी सरकार न्यायपालिका के खिलाफ बदला लेने की लड़ाई लड़ रही थी।
मुरलीधर को एक दिन पहले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरित किया गया था, जब उनकी अध्यक्षता वाली पीठ ने भाजपा नेताओं परवेश वर्मा, कपिल मिश्रा और अनुराग ठाकुर द्वारा कथित घृणा फैलाने वाले भाषणों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में दिल्ली पुलिस की विफलता पर रोष जताया था।