वर्तमान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बम्बई में चल रहे मेडिकल डिवाइस इनोवेशन कैंप (मेडिक 2019) कुल 15 नवाचारों पर केंद्रित है, जिसमें समयपूर्व होने वाले जन्म का पहले ही पता लगाना, स्मार्ट सर्जरी हेडलाइट विकसित करना और किसी ट्यूमर के प्रसार की सही सीमा की जानकारी हासिल करना शामिल हैं। 28 सितंबर से एक अक्टूबर तक 100 घंटों में किसी समाधान के साथ आना 15 टीमों के लिए मुख्य चुनौती साबित होगी।
शिविर का आयोजन आईआईटी बंबई के बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर (बीईटीआईसी) ने किया है।
बीईटीआईसी के संस्थापक प्रोफेसर बी. रवि ने कहा, “60 प्रतिभागियों ने 15 टीमें बनाई हैं। प्रत्येक में एक डॉक्टर, प्रोडक्ट डिजाइनर, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर और मेडिकल इंजीनियर शामिल हैं। चुनी हुई परेशानियों के समाधान के लिए ये लोग चार दिन और रात कड़ी मेहनत करेंगे।”
मुंबई के अलावा प्रतिभागी कोलकाता, पुणे, भोपाल, नासिक, जोधपुर, वर्धा, कुरनूल, पंजाब, भीमावरम, कोचीन, हैदराबाद, कानपुर, त्रिवेंद्रम, चेन्नई, बेंगलुरू, नागपुर, चंडीगढ़, गुवाहाटी, पटियाला, चंद्रपुर, गोवा और कर्नाटक से आए हैं।
दो अक्टूबर को प्रतिभागियों को अपने प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट्स को डॉक्टर, प्रोफेसर, इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स और इनवेस्टर्स की जूरी के सामने प्रजेंट करना होगा।
आईआईटी बंबई में रिसर्च एंड डेवलपमेंट के के डीन, प्रोफेसर मिलिंद अत्रे ने मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ सर्जन और इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन के उपाध्यक्ष विजय शेट्टी के साथ इस शिविर का उद्घाटन किया।