
मथुरा में प्लास्टिक के खिलाफ महाअभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि हमें यह समझना होगा कि प्लास्टिक किस तरह से पशुधन के लिए खतरनाक है। देश की अर्थव्यवस्था में पशुधन का महत्व है और इसके लिए हमें आगे आने होगा। इसके साथ ही उन्होंने ऊं और गाय के मुद्दे पर विपक्षी दलों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इन शब्दों से कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि इन शब्दों के इस्तेमाल से देश 16वी या 17वीं सदी में चला गया है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद अब विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा है।
सीपीआई के डी राजा ने कहा कि अर्थव्यवस्था के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए वो इस तरह की बात कर रहे हैं। वो पोप नहीं हैं बल्कि प्रधानमंत्री है। इस तरह की बातकर वो कैसा संदेश देना चाहते हैं। देश में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है इसे उन्हें समझना चाहिए।
पीएम मोदी की आलोचना करते हुए एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें गाय की जगह मॉब लिंचिंग पर बात करनी चाहिए। एक इंसान की कीमत गाय से ज्यादा है। लेकिन अफसोस की बात है कि मौजूदा मोदी सरकार की सोच कुछ और ही है। ओवैसी ने कहा कि बीजेपी की नेताओं की यह आदत बन चुकी है कि वो लोग उन मुद्दों को उभारते हैं जिससे समाज में बंटवारा हो। देश में कमजोर वर्ग डरा हुआ है, आज जब लोग अपने बुनियादी अधिकारों की बात कर रहे हैं तो पीएम मोदी और उनके समर्थक देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं।
कांग्रेस ने कहा कि यह बेहतर होता कि पीएम मोदी ऊं और गाय की जगह जीडीपी और अर्थव्यवस्था की बात करते हैं। हकीकत ये है कि अब जब जीडीपी और अर्थव्यवस्था की बात हो रही है तो इस सरकार के बाल खड़े हो जा रहे हैं। यह सरकार अर्थव्यवस्था के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए इधर उधर की बात कर रही है।
ये बात अलग है कि विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी के नेताओं ने कहा कि पीएम मे गलत क्या कहा। ये बात सच है कि जब इस देश के सामने लोगों से जुड़े हुए मुद्दों पर बातचीत की जाती है तो नकारात्मक विचार वालों को खतरा महसूस होता है। उन्हें लगता है कि वोट बैंक की पॉलिटिक्स खिसक सकती है तो वो इस तरह की बातें करना शुरू कर देते हैं जैसे सबकुछ तबाही के कगार पर आ गया हो।