अयोध्या मामले के सीधा प्रसारण पर सुनवाई 16 सितंबर को


सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले की रोजाना सुनवाई के सीधा प्रसारण और रिकॉर्डिग की मांग वाली याचिका पर 16 सितंबर को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह इस मामले में पूर्व भाजपा नेता और आरएसएस विचारक के.एन. गोविंदाचार्य की याचिका पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगी।

याचिका के अनुसार, अगर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है तो, शीर्ष अदालत को कम से कम रिकॉर्ड के लिए कार्यवाही का ट्रांसक्रिप्ट तैयार करवाना चाहिए। ट्रांसक्रिप्ट को बाद में ऑनलाईन जारी किया जा सकता है।

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 के आदेश का हवाला दिया जिसके तहत देश में अदालत की कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण हो सकता है।

याचिका के अनुसार, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शीर्ष अदालत के आदेश को लागू नहीं किया गया है।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा, “यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है। याचिकाकर्ता समेत ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो अदालत के समक्ष कार्यवाही का गवाह बनना चाहते हैं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा नियम के तहत ऐसा नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा कि लोग राम मंदिर मामले में तत्काल न्याय चाहते हैं क्योंकि भगवान राम बीते कई वर्षो से अस्थायी संरचना में रह रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा, “यह मामला सुप्रीम कोर्ट में बीते नौ वर्षो से लंबित है और लोग मामले में निर्णय लेने में देरी की वजह जानना चाहते हैं।”

गोविंदाचार्य ने यह भी कहा कि डिजिटल सुपर पावर के रूप में भारत को अयोध्या मामले में सीधे प्रसारण की व्यवस्था करनी चाहिए।

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