दिल्ली का एक स्कूल बीते 50 वर्षों से पक्के भवन की बांट जोत रहा था। बरसों से राजधानी दिल्ली का यह स्कूल पोर्टा केबिन में चल रहा था। विभिन्न सरकारों द्वारा शिक्षा की अनदेखी के कारण 1972 से दिल्ली का यह सर्वोदय कन्या विद्यालय पोर्टा केबिन में था। हालांकि दिल्ली के आरामबाग में 50 वर्ष बाद यह स्कूल अब पक्का बन गया है।
पोर्टा केबिन में चल रहे है स्कूल के स्थान पर कन्या विद्यालय की बहुमंजिला ईमारत बनाई गई है। दिल्ली सरकार ने यह पक्की इमारत बनवाई है।
नए स्कूल में गणित लैब, विज्ञान लैब और आधुनिक क्रीड़ा मैदान जैसी सभी सुविधाएं हैं।
करोल बाग स्थित आराम बाग के इलाके में 50 वर्षों से पोर्टा केबिन से चल रहे स्कूल के लिए केजरीवाल सरकार ने नई आलीशान इमारत बनवायी है। स्थानीय विधायक विशेष रवि ने 08 मार्च को उद्घाटन कर स्कूल बच्चों को समर्पित किया है।
रवि ने कहा कि 2019 में मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने इस स्कूल को पक्का बनवाने का निर्णय लिया। कोरोना के कारण आई बाधा के बावजूद इसे रिकॉर्ड वक्त में बनवा कर सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की है।
रवि ने बताया कि पहले की सरकारों ने शिक्षा की हमेशा से ही अनदेखी की थी। इसी कारण से यह स्कूल कभी पक्का नहीं बन पाया था। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की केजरीवाल सरकार बनते ही तेजी से स्कूलों के निर्माण का कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में गणित लैब, विज्ञान लैब और आधुनिक क्रीड़ा मैदान जैसी सभी सुविधाए उपलब्ध हैं। 2022-23 सत्र से इस स्कूल में कक्षाएं शुरू होंगी।
उन्होंने जनता की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एवं उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का आभार व्यक्त किया।
विधायक ने कहा कि यह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के काम का जादू है कि 7 साल पहले जिस सरकारी स्कूल के आसपास अभिभावक और छात्र भटकते नहीं थे, आज वहां दाखिले की होड़ लगी हुई है।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के टीचर्स को दुनिया की बेस्ट एजुकेशन सिस्टम से परिचित कराने और उनसे सीखाने के लिए उन्हें आईआईएम, एनआईई सिंगापुर, कैम्ब्रिज, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी आदि जैसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रमुख एक्सपोजर विजिट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा।
वहीं नई शिक्षा नीति पर अपना रुख बतलाते हुए दिल्ली ने कहा कि हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन देकर देश में एनईपी 2020 के लक्ष्यों को पाने के लिए देश की सभी सरकारों को शिक्षा को अपनी प्राथमिकताओं में शामिल करना होगा।
उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने थिंक-एडु कॉन्क्लेव के दौरान नई शिक्षा नीति को लेकर शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को कही।