2023 तक देश का ऑनलाइन गेमिंग बाजार 11,900 करोड़ का होगा

डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर तेजी से बढ़ने के कारण देश में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार तेजी से बढ़ेगा। केपीएमजी की एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023 तक भारतीय बाजार में इस क्षेत्र से करीब 11,900 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान है। वित्त वर्ष 2014 में ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का आकार महज 2,000 करोड़ रुपये का था, जो वित्त वर्ष 2018 तक करीब दो गुना बढ़कर 4,400 करोड़ रुपये का हो गया।

वित्त वर्ष 2018 से वित्त वर्ष 2023 तक 22 फीसदी की वार्षिक वृद्धि दर के साथ बढ़कर 11,900 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में गेम खेलने वालों और गेम विकसित करने वालों की संख्या क्रमश: दो करोड़ और 2.5 करोड़ थी, जो 2018 में बढ़कर 25 करोड़ पर पहुंच गई है।

सस्ते इंटरनेट से बढ़ा बाजार

देश में ऑनलाइन गेमिंग बाजार में मोबाइल फोन के माध्यम से खेलने वालों की संख्या अहम है। वित्त वर्ष 2017 में ऑनलाइन गेंमिंग बाजार में मोबाइल फोन की हिस्सेदारी लगभग 85 फीसदी थी। स्मार्टफोन के किफायती होने के साथ देश के हर हिस्से में पहुंचने के साथ इंटरनेट की कीमत घटने और पहुंच बढ़ने से मोबाइल गेमिंग बाजार में काफी तेजी आई है।

फंतासी गेम खेलने वालों की संख्या सर्वाधिक

रिपोर्ट के अनुसार, देश में पहेली, एक्शन और रोमांचकारी गेम श्रेणियां सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। वहीं देश में फंतासी खेल परिचालकों की संख्या में सात गुना वृद्धि दर्ज की गई है। 2016 में इनकी संख्या लगभग 10 थी, जो 2018 में 70 तक पहुंच गई है। वहीं इस तरह के गेम को पसंद करने वाले खिलाड़ियों की संख्या में 25 गुना वृद्धि दर्ज की गई, जो 2016 में महज 20 लाख थी। फरवरी 2019 तक इनकी संख्या बढ़कर पांच करोड़ तक पहुंच गई है। सर्वे में शामिल हुए 336 उपभोक्ताओं में से 74 फीसदी सप्ताह में एक से तीन बार फंतासी गेम खेलना पसंद करते हैं, इनमें से अधिकांश सप्ताह में एकबार खेलते हैं।

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