लखनऊ – बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिहाज से 403 सीटों के लिए उम्मीदवारों की स्क्रीनिंग और शॉर्ट-लिस्टिंग शुरू कर दी है, जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अभी भी करीब डेढ़ साल का वक्त बचा हुआ है।
राज्यसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ आवाज उठाने वाले बसपा के सात विधायकों को पिछले महीने निलंबित कर दिया गया था।
सूत्रों के मुताबिक असलम रैनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल और वंदना सिंह जैसे सात बागी विधायकों को बसपा द्वारा अगले चुनाव के लिए टिकट नहीं दिया जाएगा।
पार्टी के संयोजकों ने पहले ही बचे हुए कुछ विधायकों को सूचित कर दिया है कि उन्हें फिर से नामांकित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उनकी स्थिति अस्थिर है।
पार्टी सूत्रों ने आगे कहा कि मायावती, इस बार संभावित उम्मीदवारों की निष्ठा पर अधिक ध्यान देना चाहती हैं।
बीएसपी समन्वयकों को आवेदकों की पृष्ठभूमि की जांच करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे दबाव के आगे नहीं झुकें।
बसपा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, बसपा के लिए 2022 का विधानसभा चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि हमें खोई हुई शान हासिल करने की जरूरत है। पार्टी सभी संभावना में अकेले ही जाएगी, क्योंकि समाजवादी पार्टी के साथ हमारा पिछला गठबंधन था।