हिमालयी राज्यों में नए पर्यटन गंतव्य विकसित करने की अपील


हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में रविवार को केंद्र से नए पर्यटक गंतव्यों के विकास, एक नया केंद्रीय मंत्रालय व पहाड़ी राज्यों से व्यापक रूप से पलायन को रोकने के कदम उठाने व पारिस्थितिक तंत्र की सुरक्षा के लिए ग्रीन बोनस दिए जाने की मांग की गई। दस हिमालयी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और प्रतिनिधियों ने मसूरी के हिल रिसॉर्ट में मुलाकात की और इन राज्यों में नए पर्यटन स्थलों के विकास का आग्रह किया। ये मांग पुराने पहाड़ी रिसॉर्ट के संतृप्त होने की सीमा तक पहुंचने के बाद की गई है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सम्मेलन में भाग लिया और हिमालयी राज्यों से जुड़े सभी मुद्दों पर जरूरी मदद दिए जाने का भरोसा दिया।

कान्क्लेव के अंत में मीडिया को जानकारी देते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि केंद्र को पहाड़ों से व्यापक पलायन को रोकने के लिए जल्दी कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों के लिए एक अलग मंत्रालय की स्थापना की जानी चाहिए।

ग्रीन बोनस के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्य देश के लिए पर्यावरण सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं। नदी जल, स्वच्छ वायु व जंगलों को संरक्षित करने के लिए उत्तराखंड वित्तीय सहयोग की मांग कर रहा है। इसे ग्रीन बोनस का नाम दिया गया है।

उन्होंने कहा कि हिमालयन कान्क्लेव हर साल आयोजित होगा।

एक मसूरी प्रस्ताव भी पारित किया गया।

इसमें कहा गया, “पहाड़ी राज्य हमारे संपन्न हिमालयी विरासत के संरक्षण और राष्ट्र की समृद्धि व लोकाचार के संरक्षण के प्रयास का संकल्प लेते हैं।”

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