हड़ताल से कोयला उत्पादन रूका, झारखंड में आपूर्ति प्रभावित


कोयला खनन में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के खिलाफ विभिन्न ट्रेड यूनियनों द्वारा जारी हड़ताल के कारण झारखंड में कोयला खनन और ईधन आपूर्ति पर गहरा असर पड़ा है। सरकारी सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. (सीसीएल) से जुड़े एक सूत्र ने आईएएनएस से कहा, “ट्रेड यूनियनों की हड़ताल का गहरा असर पड़ा है, क्योंकि 76 फीसदी से अधिक कर्मी हड़ताल पर हैं। इसने कोयला खनन पर गहरा प्रभाव डाला है और यह निराशाजनक है।”

सीसीएल के जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार ने आईएएनएस को बताया, “हड़ताल का थोड़ा बहुत असर है।”

कंपनी ने सूत्रों ने बताया कि सीसीएल के कर्मचारियों ने आउटसोर्सिग के आधार पर निजी पार्टियों द्वारा की जा रही खनन में भी बाधा डालने की कोशिश की। सीसीएल के अलग-अलग खदानों में खनन कार्य रूक गया है। हड़ताल का 95 फीसदी से भी ज्यादा असर बरका सायाल, भुरकुंडा और मगध कोयला खनन क्षेत्र में है।

खनन मशीनें बंद पड़ी और खनन क्षेत्र सुनसान दिख रहे हैं।

इंटरनेशनल ट्रेड यूनियन कंफेडरेशन (आईटीयूसी), ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) समेत अन्य ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त रूप से इस हड़ताल का आह्वान किया है।

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