प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 15 अगस्त, 2014 को स्वच्छ भारत कार्यक्रम की घोषणा की थी, तो वह महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने की दिशा में प्रमुख पहल थी।
प्रधानमंत्री के तौर पर स्वतंत्रता दिवस पर लाल किला से अपने पहले भाषण में मोदी ने कहा था कि कैसे महात्मा गांधी ने स्वच्छता पर बहुत जोर दिया था और उनकी इच्छा थी कि देशवासी इसे आगे बढ़ाएं।
राष्ट्रपिता के उपदेशों को प्रेरणा के तौर पर लेते हुए मोदी सरकार ने दो अक्टूबर, 2019 को गांधी जी की 150वीं जयंती तक देश को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) करने के उद्देश्य से दो अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण (एसबीएम-जी) लॉन्च की थी।
कार्यक्रम में देशभर में गांवों में हर घर में शौचालय उपलब्ध कराने की योजना भी शामिल थी।
स्वच्छ भारत मिशन का उद्देश्य देश के 4,041 शहरों में पैदा होने वाले ठोस कचरे का 100 फीसदी वैज्ञानिक प्रबंधन करना भी है।
पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय के अनुसार, एसबीएम-जी के अंतर्गत पांच फरवरी, 2019 तक देशभर में नौ करोड़ शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कवरेज 98 फीसदी तक हो चुका है, जो दो अक्टूबर, 2014 को सिर्फ 38.7 प्रतिशत था।
मंत्रालय ने कहा कि 27 राज्य, 601 जिले, 5,934 ब्लॉक, 2,46,116 ग्राम पंचायतें और 5,50,151 गांव खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं।