सेंट स्टीफेन्स में सीयूईटी और इंटरव्यू का प्रावधान, डीयू चाहता है बस सीयूईटी हो आधार

दिल्ली विश्ववि

स्टीफेन्स कॉलेज शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी के आधार पर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन देगा। यूजीसी द्वारा वित्त पोषित अल्पसंख्यक संस्थान भी सीयूईटी स्वीकार करने के लिए आगे आ रहे हैं।

हालांकि इन संस्थानों ने सीयूईटी स्वीकार करने के लिए कुछ शर्तें और सीमाएं रखी हैं। सेंट स्टीफेन्स कॉलेज सीयूईटी के 85 प्रतिशत अंकों को वरीयता देगा और 15 प्रतिशत अंक इंटरव्यू के आधार पर देगा।

इसी प्रकार जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों को एडमिशन देने के लिए सीयूईटी को अपनाएगा। हालांकि जामिया मिलिया इस्लामिया ने फिलहाल कुछ चुनिंदा पाठ्यक्रमों के अंतर्गत ही सीयूईटी को मान्यता दी है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेन्स कॉलेज में 50 प्रतिशत सीटें सामान्य श्रेणी और शेष 50 प्रतिशत सीटें अल्पसंख्यक छात्रों के लिए आरक्षित हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के वीसी योगेश सिंह चाहते हैं कि कॉलेज सामान्य श्रेणी की सभी सीटों के लिए केवल सीयूईटी को ही दाखिले का आधार बनाए। वहीं अल्पसंख्यक सीटों के लिए कॉलेज 85 एवं 15 प्रतिशत वाले फामूर्ले के आधार पर दाखिला प्रक्रिया आयोजित कर सकता है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया भी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों को एडमिशन देने के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) को अपनाएगा।

जामिया विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक फिलहाल केवल दस स्नातक पाठ्यक्रमों में ही प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से किया जाएगा। ये पाठ्यक्रम बीए (ऑनर्स) हिंदी, बीए (ऑनर्स) संस्कृत, बीए (ऑनर्स) फ्रेंच और फ्रैंकोफोन स्टडीज, बीए (ऑनर्स) स्पेनिश और लैटिन अमेरिकन स्टडीज, बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स, बीए (ऑनर्स) हिस्ट्री, बायोटेक्नोलॉजी में बीएससी, बीवोक (सौर ऊर्जा), बीएससी (ऑनर्स) भौतिकी और बीए (ऑनर्स) तुर्की भाषा और साहित्य हैं।

जो छात्र इन पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन करने के इच्छुक हैं, उन्हें सीयूईटी के ऑनलाइन फॉर्म भरने होंगे और प्रोस्पेक्टस में दिए गए निर्देशों के अनुसार जामिया के लिए पंजीकरण भी करना होगा। विश्वविद्यालय ने इसके बारे में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को भी सूचना दे दी है।

जामिया के कुछ प्रोफेसर का यह भी कहना था कि जामिया एक अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान है इसलिए यहां इस प्रकार के प्रावधान लागू नहीं किए जाएंगे। हालांकि अब विश्वविद्यालय ने अपनी स्पष्ट स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि जामिया भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट लागू करने जा रहा है। इसके साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसी वर्ष शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र 2022-23 से ही लागू होगा।

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