सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी छात्रों संग एकजुटता जताने पहुंचे अभिनेता जीशान


नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों के साथ एकजुटता जताने अभिनेता जीशान अय्यूब बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस पहुंचे। जीशान रईस, तनु वेड्स मनु रिटर्न, जन्नत और ट्यूबलाइट जैसी दो दर्जन से अधिक फिल्मों में काम कर चुके हैं। इस मौके पर जीशान ने कहा कि सरकार को छात्रों से, पढ़ने-लिखने वालों से, किताबों से और लाइब्रेरी से नफरत है।

जीशान से पहले फरहान अख्तर और जावेद जाफरी ने भी खुलकर नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है। अभिनेता व टीवी पर क्राइम शो की एंकरिंग करने वाले सुशांत सिंह ने भी नागरिकता संशोधन कानून का विरोध किया है। लेकिन जीशान पहले फिल्मी सितारे हैं, जिन्होंने दिल्ली आकर प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई है।

जीशान ने दिल्ली विश्वविद्यालय के ही किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। बुधवार को यहां दिल्ली विश्वविद्यालय में जीशान ने सीएए के विरोध में छात्रों के साथ नारेबाजी की और इसे देश को बांटने वाला कानून बताया। उन्होंने जामिया विश्वविद्यालय में पुलिस के लाइब्रेरी में घुसने का मुद्दा भी उठाया और कहा कि आखिर सरकार को किताबों और किताब पढ़ने वालों से क्या दुश्मनी है।

जीशान ने प्रसिद्ध कवि अवतार सिंह ‘पाश’ की कविता ‘मैं घास हूं मैं आपके हर किए-धरे पर उग आऊंगा/ बम फेंक दो चाहे विश्वविद्यालय पर, बना दो होस्टल को मलबे का ढेर, मैं तो घास हूं हर चीज पर उग आऊंगा’ विश्वविद्यालय के छात्रों के सामने पड़ी जिसके बाद छात्रों ने जमकर इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए।

जीशान ने छात्रों से नागरिकता संशोधन कानून की लड़ाई को और आगे ले जाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि छात्र ही संगठित होकर पूरे देश में यह लड़ाई लड़ सकते हैं।

जीशान ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आग अपने अंदर जलाए रखने की छात्रों से अपील की। उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पुलिस कार्रवाई के मुद्दे पर यूपी सरकार की भी निंदा की। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे जितना दमन कर ले, अब हम झुकने वाले नहीं हैं।

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