सरकार को चालू वित्त वर्ष (2019-20) में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5% रहने की उम्मीद है। यह 2008-09 के बाद सबसे कम होगी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने सालाना जीडीपी ग्रोथ का पहला अग्रिम अनुमान मंगलवार को जारी किया। यह आरबीआई के अनुमान के जितना ही है। आरबीआई ने भी पिछले महीने सालाना जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.1% से घटाकर 5% कर दिया था। 2018-19 में वास्तविक ग्रोथ 6.8% रही थी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ सिर्फ 2% रहने की उम्मीद है। 2018-19 में 6.9% थी। ग्रॉस वैल्यू एडेड (जीवीए) ग्रोथ 4.9% रहने की उम्मीद है। यह पिछले साल 6.6% बढ़ी थी।
8 में से 6 सेक्टर की ग्रोथ घटने का अनुमान
सीएसओ इकोनॉमी को आठ हिस्से में बांटकर आंकड़े जारी करता है। पहला अग्रिम अनुमान विभिन्न सेक्टर के आठ महीने के आंकड़ों पर आधारित है। इसमें निजी कंपनियों के नतीजों पर भी गौर किया जाता है। सीएसओ के आंकड़ों के आधार पर ही सरकार बजट तैयार करती है। बजट के बाद जीडीपी का दूसरा अग्रिम अनुमान जारी किया जाता है।
जीडीपी का आकार कितना होगा?
2019-20 में जीडीपी का आकार 5% ग्रोथ के साथ 147.79 लाख करोड़ रुपए पहुंचने का अनुमान है। पिछले साल (2018-19) 6.8% ग्रोथ के साथ 140.78 लाख करोड़ रुपए था। निजी निवेश को बताने वाला ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉर्मेशन 57.42 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। 2018-19 में 55.70 लाख करोड़ रुपए था।