नई दिल्ली, – खाने के तेल की महंगाई को देख आगे अच्छे भाव मिलने की उम्मीदों से देश के किसानों ने सरसों की खेती में इस बार ताकत झोंकी है। सरसों का रकबा पिछले साल के मुकाबले करीब नौ फीसदी बढ़ गया है जबकि अन्य तिलहनों का रकबा घटा है।
रबी सीजन की प्रमुख गेहूं और चना समेत अन्य प्रमुख दलहनी फसलों की बुवाई भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ी है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में फसल वर्ष 2020-21 (जुलाई-जून) के चालू रबी सीजन में किसानों ने अब तक गेहूं की बुवाई 325.35 लाख हेक्टेयर में की है, जोकि पिछले साल से 3.63 फीसदी अधिक है। वहीं, दलहनी फसलों का रकबा 154.80 लाख हेक्टेयर है, जोकि पिछले साल से 6.67 फीसदी अधिक है।
दलहनों में चना की बुवाई सबसे ज्यादा 105.83 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल से 5.77 फीसदी ज्यादा है। अन्य प्रमुख रबी दलहन फसल मसूर का रकबा 16.19 लाख हेक्टेयर है जो कि पिछले साल से चार फीसदी अधिक है।
रबी सीजन की प्रमुख तिलहन फसल सरसों की बुवाई 72.39 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल से आठ फीसदी ज्यादा है।
बाजार के जानकार बताते हैं कि खाने के तेल की महंगाई को देखते हुए सरसों के अच्छे दाम मिलने की उम्मीदों में किसानों ने सरसों की खेती में ताकत झोंकी है। हालांकि कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि सरकार द्वारा तिलहनों की खेती को बढ़ावा देने से किसानों की दिलचस्पी बढ़ी है।
रबी सीजन की सभी तिलहनी फसलों का रकबा 80.61 लाख हेक्टेयर है जोकि पिछले साल से 6.16 फीसदी ज्यादा है। हालांकि, मूंगफली, सूर्यमुखी, कुसुम, अलसी और तिल के रकबे में गिरावट आई है।
मोटे अनाजों का रकबा पिछले साल से 9.57 फीसदी घटकर 45.12 लाख हेक्टेयर रह गया है। धान का रकबा भी पिछले साल से 4.15 फीसदी घटकर 14.83 लाख हेक्टेयर रह गया है।
रबी सीजन की सभी फसलों की बुवाई 620.71 लाख हेक्टेयर में हुई है, जोकि पिछले साल के 2.91 फीसदी ज्यादा है।