सरकार 6 कोयला खदानों का आवंटन करेगी


कोयले की नीलामी के पिछले दौर में निवेशकों द्वारा दिलचस्पी नहीं दिखाए जाने के बाद सरकार अब जल्द ही छह खानों के आवंटन पर विचार कर रही है। कोयला मंत्रालय ने गैर-विनियमित क्षेत्र के लिए भाग आठ, नौ और 10 के तहत 27 कोयला खानों के लिए नीलामी प्रक्रिया शुरू की है। इसके साथ ही बिजली, लोहा और इस्पात क्षेत्र में भाग छह, सात, आठ और नौ के तहत 15 कोयला खानों के लिए आवंटन प्रक्रिया शुरू हुई है।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि नीलामी प्रक्रिया में गारे पाल्मा चतुर्थ-1 को छोड़कर सभी खदानों की सफल बोली लगाने वालों की सिफारिश केंद्र सरकार द्वारा की गई है। तदनुसार, मध्य प्रदेश में बिक्रम खदान के आवंटन की प्रक्रिया बिरला कॉर्पोरेशन के लिए शुरू की गई है। कंपनी ने 154 रुपए प्रति टन कोयले की कीमत उद्धृत की, जो राज्य सरकार को 30 वर्षों के लिए 166.32 करोड़ रुपए का राजस्व प्रदान करेगी।

ओडिशा के जामखानी ब्लॉक को वेदांता को आवंटित किया जा रहा है, जो 1674 रुपए प्रति टन कोयले की कीमत के साथ राज्य को 13,057 करोड़ रुपए का राजस्व प्रदान करेगी। आवंटन प्रक्रिया में 15 में से छह कोयला खदानों के मामले में आवेदन प्राप्त हुए थे। आवंटन प्रक्रियाओं में प्राप्त आवेदनों के मूल्यांकन के आधार पर ये छह कोयला खदानें आवंटन के लिए विचाराधीन हैं। इनमें दुगार्पुर-द्वितीय, मंदाकिनी, उत्कल सी, सुगिया और तोकिसूद उत्तर शामिल हैं। इन खदानों से प्रति वर्ष लाखों टन कोयला निकलेगा, जिससे देश में कोयला उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और आयातित कोयले पर उद्योगों की निर्भरता कम होगी। इससे राज्य सरकारों के लिए लगभग 15,000 करोड़ रुपए का राजस्व भी प्राप्त होगा।

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