हाल ही में कानून बने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएए) को लेकर 54 प्रतिशत भारतीय नागरिकों को लगता है कि इस कानून की सही जानकारी जनता तक पहुंचाने में सरकार विफल रही, जिसके चलते देशभर में व्यापक रूप से हिंसा हुई। देशभर में तीन हजार नागरिकों में 17 से 19 दिसंबर के बीच कराए गए स्नैप पोल में नमूने के तौर पर सबसे अधिक लोग 500 असम से लिए गए थे, जिसमें पूर्वोत्तर व मुस्लिम समुदाय के लोग समान रूप से मौजूद रहे।
सर्वे के अनुसार, पूरे देश में 54.7 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकार सीएए के बारे में जनता को पूर्ण और सटीक जानकारी देने की जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा सकी।
48.1 प्रतिशत हिंदुओं, 79.1 प्रतिशत मुस्लिमों, 81.3 प्रतिशत अन्य धर्म के लोग, 71.5 प्रतिशत असम के लोगों और 65.7 प्रतिशत पूरे पूर्वोत्तर भारत को ऐसा लगता है।
हालांकि, पूरे भारत में 43.1 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकार ने इस बाबत पूरी जानकारी दी थी। ऐसा मानने वालों में 49.4 प्रतिशत हिंदू, 19.1 प्रतिशत मुस्लिम, 18.7 प्रतिशत अन्य धर्म के लोग, असम में 25.3 प्रतिशत लोग और 30.9 प्रतिशत पूरे पूर्वोत्तर भारत के नागरिक शामिल हैं।
वहीं, 2.1 प्रतिशत भारतीय को या तो इस बारे में जानकारी नहीं है या फिर वह इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं।