सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण पर कैबिनेट ने लगायी मुहर

केंद्र सरकार ने सभी सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दे दी है। वर्ष 2024 तक चरणबद्ध तरीके से सभी सरकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल वितरित होने लगेगा।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली, समेकित बाल विकास, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण-पीएम पोषण (पूर्ववर्ती मध्याह्न् भोजन योजना) और केंद्र सरकार की अन्य कल्याणकारी योजनाओं में अगले दो साल के भीतर चरणबद्ध रूप से फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दी।

चावल के फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत यानी लगभग 2,700 करोड़ रुपये प्रति वर्ष का वहन खाद्य सब्सिडी के रूप में केंद्र सरकार करेगी। सरकार का कहना है कि फोर्टिफिकेशन देश के हर गरीब व्यक्ति को कुपोषण से मुक्ति देगा और महिलाओं, बच्चों, स्तनपान कराने वाली माताओं में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी को दूर करेगा।

भारतीय खाद्य निगम और राज्य की एजेंसियों ने आपूर्ति एवं वितरण के लिये पहले ही 88.65 लाख मीट्रिक टन फोर्टिफाइड चावल की खरीद कर ली है। प्रधानमंत्री ने गत साल स्वतंत्रता दिवस के भाषण में चावल के फोर्टिफिकेशन की घोषणा की थी।

केंद्र सरकार ने इस पहल को तीन चरणों में पूरा करने की योजना बनायी है। पहले चरण में यानी मार्च 2022 तक पूरे देश में समेकित बाल विकास और पीएम पोषण को किया जाना है, जो अभी लागू होने की प्रक्रिया में है।

दूसरे चरण में उपरोक्त चरण के साथ मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी और स्टंटिंग की समस्या से व्यापक रूप से प्रभावित जिलों (कुल 291 जिलों) में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया जायेगा।

तीसरे चरण में उपरोक्त चरण के साथ मार्च 2024 तक देश के शेष जिलों को भी कवर कर लिया जायेगा।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग इसे लागू करने के लिये राज्य सरकार/केंद्र-शासित प्रदेश, संबद्ध मंत्रालयों/विभाग, डेवलपमेंट पार्टनर्स, उद्योग जगत, अनुसंधान संस्थानों आदि जैसे सभी संबंधित हितधारकों के साथ इको-सिस्टम से जुड़ी सभी गतिविधियों का समन्वय कर रहा है।

भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य की एजेंसियां पहले से ही फोर्टिफाइड चावल की खरीद में लगी हैं ।
इससे पहले वर्ष 2019-20 से तीन साल की अवधि के लिये सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल के फोर्टिफिकेशन और वितरण की पायलट योजना देश में लागू की गयी थी।

इस पायलट योजना के तहत देश के 11 राज्यों, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड ने अपने चिह्ति जिलों (प्रति राज्य एक जिला) में फोर्टिफाइड चावल का सफलतापूर्वक वितरण किया।

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