संसद के शीतकालीन सत्र के 8वें दिन गतिरोध के बीच कई बिल पास, स्थगन प्रस्ताव नोटिस

नई दिल्ली- संसद के शीतकालीन सत्र का 8वां दिन भी गतिरोध जारी रहा। टीडीपी को छोड़कर, जहां पूरे विपक्ष ने 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया, वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सीमा विवादों के तीन-चरणीय समाधान पर, चीन-भूटान समझौता ज्ञापन पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

जबकि कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने एमएसपी पर कानूनी गारंटी, आंदोलन में मारे गए किसानों के परिजनों को अनुग्रह राशि देने और उनके खिलाफ मामलों को वापस लेने जैसे मामलों पर, राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

सीमा विवादों के तीन-चरणीय समाधान पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि पंजाब में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक बढ़ाए जाने संबंधी अध्यादेश वापस लिया जाए क्योंकि यह देश के ‘संघीय ढांचे पर हमला’ है। मनीष तिवारी ने सदन में शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाया। सांसद तिवारी ने कहा, ”11 अक्टूबर, 2021 को केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया था। यह बीएसएफ से संबंधित कानून के विरुद्ध है।

पंजाब भौगोलिक दृष्टि से एक छोटा राज्य है. ऐसे में हम जब 50 किलोमीटर की बात करते हैं तो फिर आधा पंजाब इसके दायरे में आ जाता है।

उधर राज्‍यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा कि 12 राज्‍यसभा सांसदों का निलंबन रद्द होना चाहिए। विपक्ष के हंगामे के बीच राज्‍यसभा चेयरमैन ने कहा कि सदन को बाधित करना अलोकतांत्रिक है। आप हर रोज एक ही मांग नहीं कर सकते।

कार्यवाही के बाद सांसदों के निलंबन का मुद्दे पर बात करते हुए कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा, ‘आज फिर हमने सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया और कहा कि यह सही नहीं है और निलंबन रद्द होना चाहिए। मैं फिर कहना चाहता हूं कि हम सदन को चलने देना चाहते हैं। पूरे विपक्ष ने आज सदन का बायकॉट किया।

इससे पहले लोकसभा में हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट जज वेतन और सेवा शर्त संशोधन बिल 2021 चर्चा के बाद पास हो गया। उधर राज्यसभा में आज द असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेग्यूलेशन) बिल 2021 और सरोगेसी विनियमन विधेयक 2020 पास कर दिया गया।

साथ ही द्रमुक सांसद दयानिधि मारन ने लोकसभा में बीएसएनल की 4जी और 5जी सेवाओं का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि वह निजी टेलीकॉम ऑपरेटरों को तरजीह दे रही है।

इस दौरान मारन और भाजपा सांसदों के बीच बहस भी हुई। मारन ने कहा कि जब पूर्व दूरसंचार मंत्री ने यह आश्वासन दिया था कि बीएसएनएल और एमटीएनएल को को 4जी और 5जी सेवाएं जी जाएंगी। अभी तक 4जी सेवाओं की शुरुआत का कोई संकेत नहीं दिखा है। दोनों के ग्राहक जियो की ओर रुख कर रहे हैं जिसका सरकार समर्थन करती है।

सदन में कार्यवाही के दौरान कश्मीर में पत्रकारों की रिपोर्टिंग पर रोक के मुद्दे पर भी चर्चा की गई। केंद्र ने संसद को बताया कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है, जिससे राज्य में पत्रकारों को रिपोर्टिंग से रोका जा सके।

गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर सरकार ने केंद्र को बताया है कि उसने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है।

देर शाम संसद ने देश के खास बांधों की सुरक्षा के लिए एक  संस्थागत ढांचा तैयार करने के विधेयक को पारित कर दिया। राज्यसभा ने दो दिसंबर को डेम सेफ्टी बिल को मामूली सुधारों के साथ मंजूरी दे दी थी। विधेयक के शीर्षक में वर्ष 2019 की जगह 2021 भी किया गया। जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लोकसभा में इन संशोधनों को पेश किया, जिन्हें ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई।

विधेयक में विशेष बांधों की निगरानी, निरीक्षण, संचालन व रखरखाव के उपायों के प्रावधान हैं, ताकि भविष्य में बांध फूटने जैसी त्रासदियों से बचा जा सके।

इसी बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्‍टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत को लेकर जा रहे भारतीय वायुसेना के  हेलीकॉप्‍टर के तमिलनाडु में दुर्घटनाग्रस्‍त होने की खबर आई। जिसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बाद में सीडीएस के घर पहुंचे। उन्‍होंने दुर्घटना के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी को भी ब्रीफ किया। हालाँकि उन्होंने कहा कि इस बारे में वे कल संसद को जानकारी देंगे।

डॉ. म. शाहिद सिद्दीक़ी

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