कोरोना संक्रमण और लॉक डाउन के कारण विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, कंप्यूटर सेंटर्स आदि बंद हैं। इससे पीएचडी और शोध छात्र सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। एमफिल और पीएचडी के कई छात्रों के लिए थीसिस जमा करने की समय सीमा समाप्त चुकी है।
मौजूदा हालात को देखते हुए यूजीसी एवं विभिन्न विश्वविद्यालयों को थीसिस जमा कराने की आखिरी तारीख में बदलाव करना पड़ा है। बड़ी संख्या में ऐसे शोध छात्र हैं जिन्हें पीएचडी थीसिस जमा कराने में और अधिक समय लग सकता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के पूर्व सदस्य प्रोफेसर हंसराज सुमन ने कहा, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में 2000 से अधिक शिक्षक व प्रोफेसर कोरोना पॉजिटिव हो गए थे।
इनमें से कई की दुखद मृत्यु हो गई। वहीं दूसरी तरफ हजारों छात्र कोरोना की चपेट में आए। इस सब का पीएचडी के रिसर्च वर्क पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। छात्रों को समय पर आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो सकी। इसलिए यदि जरूरत पड़ती है तो थीसिस जमा कराने की अंतिम तारीख और आगे बढ़ाई जानी चाहिए।
वहीं ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई। 2014-15 में 1.17 लाख छात्रों के मुकाबले 2019-20 में 2.03 छात्रों ने पीएचडी की है। जेएनयू से पीएचडी कर रही छात्रा नुपूर ने बताया, वर्ष 2020 से लेकर अभी तक उनकी पढ़ाई नियमित तरीके से नहीं हो सकी है।
कोरोना संक्रमण समेत विभिन्न कारणों से कई बार लेबोरेट्री और विश्वविद्यालय बंद करना पड़ा। इसका सीधा सीधा असर छात्रों के रिसर्च वर्क पर पड़ा है। शिक्षाविद सीएस कांडपाल के मुताबिक रिसर्च छात्रों को स्पेशल अटेंशन की आवश्यकता है। कोरोना के कारण छात्रों को यह अटेंशन नहीं मिल सकी।
हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने डिजिटल लाइब्रेरी के माध्यम से इस कमी को कुछ हद तक दूर करने का एक प्रयास जरूर किया है। शिक्षा मंत्रालय द्वारा देशभर के छात्रों के लिए विशेष डिजिटल लाइब्रेरी तैयार की गई है।
इस लाइब्रेरी की खासियत यह है कि अब इसमें पुस्तकों को पढ़ने के लिए ऑडियो, वीडियो और टेक्स्ट सभी विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं। इसमें विज्ञान, कानून, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे विषय शामिल किए गए हैं। इनके अलावा विभिन्न स्कूली पाठ्यक्रमों से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पुस्तकें इस डिजिटल लाइब्रेरी में उपलब्ध हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र तरुण के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल में रिसर्च वर्क बुरी तरह प्रभावित हुआ है। शोध कार्य अटके हुए हैं। नियमित कक्षाएं न लगने से पहले से जारी रिसर्च भी तय समय पर पूरी नहीं की जा सकी है।
कोविड-19 से उपजी स्थिति को लेकर डीयू, जेएनयू, जामिया समेत विभिन्न केंद्रीय एवं अन्य विश्वविद्यालयों ने एमफिल और पीएचडी कर रहे छात्रों को बड़ी राहत दी है। छात्रों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यूजीसी व विश्वविद्यालयों ने शोधार्थियों को थीसिस जमा करने के लिए 31 दिसंबर 2021 तक का समय दिया जा चुका है।