शेयर बाजार पर रहेगा अमेरिका-चीन व्यापार करार, खाड़ी क्षेत्र में तनाव का असर


घरेलू शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह, अमेरिका और चीन के बीच व्यापार करार और खाड़ी क्षेत्र के तनाव के साथ-साथ प्रमुख आर्थिक आंकड़ों और घरेलू कंपनियों की तीसरी तिमाही के नतीजों से तय होगी। साथ ही, आगामी बजट से पहले के घटनाक्रमों का भी बाजार पर असर देखने को मिल सकता है।

पिछले सप्ताह अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव को लेकर पैदा हुए अनिश्चितता के माहौल में शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा, हालांकि इस सप्ताह भारतीय शेयर बाजार को अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक मसलों को सुलझाने को लेकर होने वाले पहले चरण के करार से दिशा मिल सकती है। साथ ही, खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव भले ही कम हो गया है, लेकिन अमेरिका और ईरान के बीच कड़वाहट कम नहीं हुआ है।

सप्ताह के आरंभ में सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई के दिसंबर महीने के आंकड़े जारी होंगे। इसके अगले दिन मंगलवार को थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी होंगे।

वहीं, देश की कुछ प्रमुख कंपनियों द्वारा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे भी जारी किए जाएंगे। प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी विप्रो के तीसरी तिमाही के वित्तीय नतीजे मंगलवार को जारी होंगे। वहीं, एचसीएल टेक्नोलोजीज के वित्तीय नतीजे शुक्रवार को जारी होंगे। इसके अलावा, एचडीएफसी बैंक के वित्तीय नतीजे सप्ताहांत में शनिवार को जारी होने की संभावना है।

अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण का व्यापारिक करार 15 जनवरी को होने की संभावना है। इससे वैश्विक बाजार में सकारात्मक माहौल बनेगा जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखेगा। इसके अलावा, विदेशों में जारी होने वाले प्रमुख आर्थिक आंकड़ों से भी शेयर बाजार प्रभावित रहेगा।

चीन में सप्ताह के आखिर में शुक्रवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी होंगे। इससे पहले अमेरिका में मंगलवार को दिसंबर महीने की महंगाई दर के आंकड़े और गुरुवार को खुदरा बिक्री समेत अन्य आंकड़े भी जारी होंगे, जिनका असर वैश्विक बाजारों पर देखने को मिल सकता है।

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