शाहीन बाग धरना : पुलिस ने फिर किया रास्ता खोलने का आग्रह


करीब एक महीने से शाहीन बाग धरने के चलते बंद पड़े रास्तों से आम आदमी पस्त हो चुका है। दिल्ली पुलिस धरने पर बैठे लोगों को छेड़ कर ततैया के छत्ते में हाथ डालने को राजी नहीं है। जबकि धरने पर बैठे लोग इस कदर हठधर्मिता पर उतरे हुए हैं कि बूढ़ा हो या बच्चा, किसी को भी कितनी भी परेशानी क्यों न उठानी पड़े इस धरना-प्रदर्शन के चलते, वे जाम खोलने को राजी नहीं है।

इसी के चलते दिल्ली पुलिस अब तक कई बार अनुनय-विनय धरने पर बैठे लोगों से कर चुकी है। दिल्ली में जब चुनाव सिर पर हैं। ऐसे में पुलिस भी किसी ‘ऊपरी’ आदेश के बिना धरने पर बैठे लोगों को ‘डिस्टर्ब’ करके अपने सिर आफत मोल नहीं लेना चाहती है।

सोमवार को फिर से दिल्ली पुलिस ने अपने ट्विटर हैंडल पर आग्रह किया है। आग्रह धरने पर बैठी जिद्दी भीड़ और उसके सिपहसालारों से किया गया है। आग्रह में कहा गया है कि महीने भर से दिये जा रहे धरने के चलते आसपास के इलाके की सड़कें बंद हैं।

पुलिस ने आग्रह किया है कि धरने पर बैठे लोग अपने ही उन लोगों के बारे में भी खुद से विचार करें, जिनका इस धरने से कुछ लेना-देना नहीं है। इस धरने के चलते तमाम लोगों को परेशानी हो रही है। अब बच्चों की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं। जिससे उन्हें भी आने-जाने में लंबे रास्तों का इस्तेमाल करने को मजबूर होना पड़ेगा।

उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर

इस मार्ग पर सुचारू तरीके से यातायात बहाल करने के लिए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को इस मार्ग पर हो रही यातायात संबंधी बाधाओं को लेकर तत्काल फैसला सुनाने से इनकार कर दिया था।

अदालत ने कहा था कि वह सीधे तौर पर प्रदर्शन से निपटने, प्रदर्शन स्थल या यातायात को लेकर कोई निर्देश नहीं देगी क्योंकि इससे निपटना वास्तविकत स्थिति और पुलिस के विवेक पर निर्भर करता है। वकील और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी ने उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करके शाहीन बाग में स्थिति के निरीक्षण का आग्रह किया है।

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साहनी ने अपनी याचिका में कहा है कि शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन ने कई अन्य जगहों पर भी इसी तरह के प्रदर्शनों को शुरू करने की प्रेरणा दी है और इसे जारी रहने देना खराब चलन पैदा करना होगा। याचिका में कहा गया है कि कालिंदी कुंज मार्ग काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिल्ली को हरियाणा के फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश के नोएडा से जोड़ता है। इस मार्ग का इस्तेमाल करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘ यह मामला काफी संवेदनशील है क्योंकि इस क्षेत्र में प्रदर्शन की वजह से मजबूरी में या बंद करने के अलावा कोई चारा न देखकर कारोबारियों ने दुकानें बंद कर दी हैं जिसकी वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।”

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