वुहान में फंसे उप्र के दंपति ने केंद्र से मदद मांगी


चीन के वुहान में फंसे उत्तर प्रदेश के एटा जिले के रहने वाले एक एसोसिएट प्रोफेसर ने केंद्र से अनुरोध किया है कि चीनी शहर वुहान से 23 अन्य भारतीयों के साथ उन्हें और उनकी पत्नी को तत्काल बाहर निकाला जाए जो नोवेल कोरोनोवायरस प्रकोप का केंद्र है।

35 वर्षीय आशीष यादव वुहान टेक्सटाइल यूनिवर्सिटी में कार्यरत हैं और उनकी पत्नी नेहा (30) वर्तमान में कंप्यूटर साइंस में पीएचडी कर रही हैं। दोनों लगभग हर रोज वीडियो संदेश भेजकर उत्तर प्रदेश में अपने परिवारों के संपर्क में हैं।

परिवार के एक सदस्य ने कहा, चूंकि नेहा की January के अंतिम सप्ताह में एक छोटी सी सर्जरी हुई थी, इसलिए उन्हें डॉक्टरों द्वारा एक सप्ताह तक पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी गई थी। इसलिए, वे 31 January की रात वहां से भारतीयों को निकाल कर स्वेदश ला रही उड़ान में नहीं सवार हो सके।

वुहान में 23 अन्य भारतीय नागरिक हैं, जिनमें छात्र और कामकाजी पेशेवर शामिल हैं। वे सभी घर लौटने के लिए खर्च का भुगतान करने के लिए तैयार हैं। वे नियमित रूप से मदद के लिए हर संभव अथॉरिटी को संकट संदेश भेज रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।

अपने परिवार को एक संदेश में नेहा ने कहा, हमने अपनी स्थिति के बारे में भारतीय दूतावास को अलर्ट किया। वुहान के 22 January को लॉकडाउन से पहले, हमें बताया गया था कि चूंकि कोरोनोवायरस का इन्क्यूबेशन पीरियड सिर्फ 14 दिन है, इसलिए स्थिति February के पहले सप्ताह तक सामान्य हो जाएगी, लेकिन अब स्थिति गंभीर हो गई है।

इस दंपति ने एक पत्र भेजा है, जिसमें वुहान में अधिकारियों से कहा गया है कि वे भारत जाने के लिए उन्हें एयरपोर्ट जाने की अनुमति दे।

लेकिन वुहान के अधिकारी भारतीय राजदूत या विदेश मामलों के मंत्री द्वारा उन्हें यात्रा करने की अनुमति देने के लिए सीधे फोन कॉल या हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।

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