स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार द्वारा किए गए सुधार कार्यों का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि 2014 और 2019 में आपने ऐसी सरकार फॉर्म की जिससे मोदी में रिफॉर्म करने की हिम्मत आई। इन रिफॉर्म्स से लोक प्रशासन में अभूतपूर्व सुधार आए। यह निश्चित ही रिफॉर्म, परफ़ॉर्म और ट्रांसफॉर्म का कालखंड है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला से व्यवसायियों और कारीगरों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण योजना का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा, इस विश्वकर्मा जयंती पर हम 13-15 हजार करोड़ रुपयों से विश्वकर्मा योजना की शुरुआत करेंगे जो परंपरागत औजारों से काम करने वाले भारत के लाखों व्यवसायियों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में हो रहे विकास कार्यों की जानकारी देते हुए कहा, आज देश में 75,000 अमृत सरोवरों का काम तेजी से चल रहा है। जनशक्ति और जलशक्ति की ये ताकत भारत के पर्यावरण की रक्षा में भी काम आने वाली है। हमने शुद्ध पानी की पहुंच के लिए जल जीवन मिशन, बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आयुष्मान भारत जैसी सफल योजनाएं भी शुरु कीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के खातों में ढाई लाख रुपये से ज्यादा की राशि जमा की गई है। भारत सरकार किसानों और कृषि के विकास के लिए 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की यूरिया सब्सिडी दे रही है।
लाल किला की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा, देश की आर्थिक समृद्धि से सिर्फ तिजोरी नहीं भरती है बल्कि देश का सामर्थ्य बढ़ता है और पाई-पाई को गरीब कल्याण में खर्च किया जाता है।
उन्होंने कहा कि आज स्थानीय निकायों के विकास के लिए भारत सरकार सालाना 3 लाख करोड़ और गरीबों के घरों के लिए 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च कर रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भारत युवाओं का देश है। दुनिया में 30 साल से कम आयु वाले लोगों की सबसे ज्यादा जंसख्या भारत में ही है। आज हमारे पास जनशक्ति, जनतंत्र और विविधता की त्रिवेणी है जो हमारे हर सपने को साकार करने के सामर्थ्य रखती है।
उन्होंने देशवासियों से कहा, आज स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती भी पूर्ण हो रही है। यह वर्ष स्वामी दयानंद की 150वीं जयंती, रानी दुर्गवाती की 500वीं जयंती और मीराबाई के जन्म के 525 वर्षों का भी वर्ष है।