आईटी सेवा प्रदाता विप्रो का मार्च 2019 में समाप्त चौथी तिमाही में कंपनी का शुद्घ मुनाफा 37.7 फीसदी बढ़कर 2,483.5 करोड़ रुपये रहा। इसके साथ ही कंपनी ने 10,500 करोड़ रुपये के पुनर्खरीद कार्यक्रम की भी घोषणा की। मार्च 2018 तिमाही में कंपनी को 1,800.8 करोड़ रुपये का शुद्घ मुनाफा हुआ था। मार्च 2019 तिमाही में कंपनी की आय 8.9 फीसदी बढ़कर 15,006.3 करोड़ रुपये रही, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी की आय 13,768.6 करोड़ रुपये रही थी। पूरे वित्त वर्ष 2018-19 में विप्रो का शुद्ध लाभ 12.4 फीसदी बढ़कर 9,000 करोड़ रुपये रहा जबकि परिचालन आय 7.5 फीसदी बढ़कर 58,584.5 करोड़ रुपये रही।
विप्रो के मुख्य कार्याधिकारी आबिदअली नीमचवाला ने कहा, ‘मजबूत ऑर्डर बुक के दम पर हमने सुदृढ़ विकास की बुनियाद तैयार की है और डिजिटल, साइबर सुरक्षा, इंजीनियरिंग सेवा एवं क्लाउड जैसे बड़े क्षेत्रों पर कंपनी का निवेश जारी रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हमारे ग्राहक अपने डिजिटल बदलाव और आईटी परिचालन में इस निवेश को प्रासंगिक मान रहे हैं, जिसका बाजार में हमें लाभ मिल रहा है।’ नीमचवाला ने कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने 10,500 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद योजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत 325 रुपये प्रति शेयर के भाव पर 32.3 करोड़ शेयरों की खरीद की जाएगी। पिछले 15 महीने में विप्रो की ओर से यह दूसरी और 2016 से तीसरी पुनर्खरीद है। 2016 में कंपनी ने 2,500 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद की थी और नवंबर-दिसंबर 2017 में 11,00 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद की थी।
31 मार्च तक कंपनी के प्रर्वतकों के पास 73.85 फीसदी हिस्सेदारी थी जबकि वित्तीय संस्थानों के पास 6.49 फीसदी शेयर थे। विदेशी निवेशकों के पास 11.74 फीसदी और आम शेयरधारकों के पास 7.92 फीसदी हिस्सेदारी थी। कंपनी का यह प्रस्ताव डाक मत के जरिये विशेष प्रस्ताव के साथ शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर है। विप्रो का शेयर 2.45 फीसदी की गिरावट के साथ 281.10 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी के परिदृश्य के बारे में नीमचवाला ने कहा कि आमतौर पर पहली तिमाही कमजोर रहती है और यह उसके आय अनुमान में भी दिखता है। हालांकि कंपनी को उम्मीद है कि दूसरी तिमाही में इसमें तेजी आएगी। नीचमवाला ने कहा, ‘वैश्विक बाजार में मांग का माहौल स्थिर बना हुआ है और डिजिटल एवं क्लाउड जैसे नए क्षेत्रों में अच्छी संभावनाएं हैं।’