विचारों का केंद्र हैं विश्वविद्यालय, समाज से अलग-थलग कोई चीज नहीं : राष्ट्रपति


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को कहा कि शिक्षकों और विद्यार्थियों को समाज के वंचित तबकों के सशक्तीकरण के प्रति संवेदनशील होना चाहिए।

उत्कल विश्वविद्यालय की प्लेटिनम जुबली के समापन समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि विश्वविद्यालय कोई ‘आइवरी टॉवर’ नहीं होते बल्कि यह विचारों के महान केंद्र होते हैं। यह समाज का हिस्सा होते हैं, इसलिए इन्हें सामाजिक बदलाव का हिस्सा बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शिक्षक समुदाय को ऐसे शोधों का हिस्सा बनना चाहिए जो न केवल नए ज्ञान आधार का सृजन करें बल्कि जो मानव समाज को सहारा देने के भी काम आएं।

राष्ट्रपति ने कहा कि पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष जोर होना चाहिए। बहुविध फैकल्टी से संपन्न उत्कल विश्वविद्यालय जैसे संस्थान इस काम को करने के लिए सक्षम हैं।

उन्होंने कहा कि प्लेटिनम जुबली जैसे अवसर मील के पत्थर हुआ करते हैं। लंबी यात्रा के इस पड़ाव में हम ठहरते हैं, पीछे मुड़कर देखते हैं फिर आगे की तरफ निगाह डालते हैं। यह समय उपलब्धियों के साथ आगे के संभावित सुधारों पर ध्यान देने का होता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे उत्कल समुदाय के लिए यह समय संस्थान के संस्थापकों की सोच के प्रति खुद को फिर से समर्पित करने का है।

इससे पहले राष्ट्रपति ने खुरदा के बारुनेई हिल में पाइका विद्रोह स्मारक की आधारशिला रखी।

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