विक्रम लैंडर को नहीं ढूढ़ पाया नासा


अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बार फिर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर ढूढ़ पाने में विफल रहा है। महीने के प्रारंभ में विक्रम के उतरने के स्थान का नासा के अंतरिक्ष यान द्वारा उतारे गए चित्रों में लैंडर नहीं दिखाई दिया है।

नासा के एक वैज्ञानिक ने कहा कि अंतरिक्षयान विक्रम पता नहीं लगा पाया है, जिसके दो कारण हैं। पहला यह कि विक्रम उस स्थान से बाहर है, जिसके चित्र अमेरिकी एजेंसी ने लिए हैं। दूसरा यह कि लैंडर चंद्रमा के उस हिस्से में हैं, जहां छाया है। भारत के भारी रॉकेट, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल-मार्क 3 ने 22 जुलाई को 978 करोड़ रुपये लागत का एक टेक्स्ट बुक स्टाइल का चंद्रयान-2 अंतरिक्ष में लांच किया था। बता दें कि चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान में तीन हिस्से थे -ऑर्बिटर (2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1,471 किलोग्रमा, चार पेलोड), और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड)।

इससे पहले सितंबर में नासा LRO के वैज्ञानिकों ने बताया था कि विक्रम लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 600 किमी दूर गिरा था। 17 सितंबर को LRO ने उस इलाके के ऊपर से उड़ान भरी। लेकिन शाम का माहौल होने की वजह से उस जगह की सही तस्वीर नहीं आ पाई है। इसलिए हम विक्रम लैंडर को खोज नहीं पाए। ऐसे में अक्टूबर में फिर कोशिश की गई लेकिन दूसरी बार भी असफलता हाथ लगी है।

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