विक्लांगो का सहारा बना ” डी ई एफ ” !

डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन (डी ई एफ ) एवं लियोनार्ड चेशायर नामक संस्था मिलकर देश के दिव्यांग जनों को कोरोना महामारी से बचाव के लिए जागरूकता एवम मुफ्त टीकाकरण अभियान देश के 6 प्रमुख शहर दिल्ली, मुम्बई, हैदराबाद, चेन्नई, पुणे और बंगलोर में अमरीका इंडियन फाउंडेशन के सहयोग से कार्यक्रम चला रही है।

इस परियोजना का नाम “मिशन कोरोना विजय-द फर्स्ट मिलियन इनिशिएटिव” है। डी ई एफ संस्था ने बताया कि इस परियोजना की जो मुख्य विशेषता है वो ये की टिकाकरण के लिए अपोलो जैसे हॉस्पिटल  तथा लाभार्थी के परिवहन के लिए उबर कैब की व्यवस्था की है।

इस कार्यक्रम का लक्ष्य 1लाख दिव्यांगजनों के साथ उनके देख-भाल या सहयोग के लिए उनके परिवार के सदस्य को टिकाकरण करके उन्हें इस महामारी से बचना है।अब संस्था ने लगभग 5 हज़ार लोगो को जागरूक करके टीका लगवा रही है।

प्रोजेक्ट इंचार्ज इरफान खान ने बताया कि इस महामारी के दौरान हमने देखा कि किस तरह लोगो को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस बीमारी को लेकर किस तरह समाज मे अफवाह फैलाये जा रहे थे, भारत सरकार के दिशा निर्देशों के बाद भी सोशल मीडिया के माध्यम से फेक न्यूज़ लोगो तक पहुचाया जा रहा था।

तभी संस्था ने महसूस किया कि  देश मे विकलांग लोगों की एक बड़ी आबादी है जिनके पास  सही सूचना, संसाधन एवं छमता की कमी है।

इन सब बिंदु को ध्यान में रख कर संस्था ने मिशन कोरोना विजय अभियान की शुरुआत की ताकि समाज के इस बड़े तबके को सही जानकारी एवं ज़रूरी स्वास्थ सेवाएं उनके ज़रूरत और सहूलियत के अनुसार उनलोगों तक पहुचाया जा सके।

सद्भावना टुडे के संवादाता पवन तिवारी से बात करते हुए इरफान खान ने बताया कि ऐसे लोगो को आइडेन्टिफ़ाइ करके मोबिलाइज़ करना एक मुख्य चुनौती है क्यो की टीका को लेकर उनके दिमांग में तरह तरह की भ्रांतिया एवं अफवाह है जिसे दूर करके टिकाकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।

साथ ही साथ पलायन भी बहुत बड़ी चुनौती है क्यो की लॉकडाउन के दौरान लगभग 22% विकलांग लोग शहर से अपने गांव या किसी दूसरे जगह को पलायन कर चुके है, लेकिन सभी चुनौतियों को सामना करते हुए संस्था के कार्यकर्ता लक्ष्य की ओर अग्रसर है।

 

संवादाता –  पवन तिवारी

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