वाराणसी से चुनाव न लड़ने का फैसला सामूहिक था : प्रियंका

अमेठी। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वाराणसी से चुनाव न लड़ने की वजह का खुलासा किया। अमेठी में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का चुनाव प्रचार करने पहुंचीं प्रियंका ने कहा, ‘ मैंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और सहयोगियों से सलाह ली। उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी ने पूर्वी उत्तरप्रदेश की 41 सीटों पर प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी है। मैंने महसूस किया यदि मैं सिर्फ एक सीट पर फोकस करूंगी तो प्रत्याशी निराश होंगे।’

उन्होंने कहा पार्टी ने सामूहिक रूप से यह फैसला किया कि फिलहाल मुझे वाराणसी में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी मुझे चुनाव प्रचार के लिए बुलाना चाहते थे, ऐसे में मैं किसी को भी निराश नहीं करना चाहती थी।

दरअसल, प्रियंका गांधी को पार्टी ने पहली बार महासचिव नियुक्त करते हुए पूर्वी यूपी की 41 सीटों की जिम्मेदारी दी है। प्रियंका ने भी उत्तरप्रदेश में अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत प्रयागराज से वाराणसी तक की गंगा यात्रा से की थी। त से यह सियासी चर्चा होने लगी थी कि प्रियंका वाराणसी से चुनाव में मैदान में उतर सकती है।

यही नहीं, अमेठी के नेता और गांधी परिवार के नजदीकी लोगों ने भी कई बार प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की बात को तूल दिया था। इस कयास को प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने तूल दे दिया जब उन्होंने कहा कि प्रियंका वाराणसी से दावेदार हो सकती हैं। हालांकि, प्रियंका से जब-जब मीडिया ने वाराणसी से चुनाव लड़ने के बारे में पूछा तो उन्होंने गेंद पार्टी के पाले में डाल दी।

25 अप्रैल को पीएम मोदी के मेगा रोड शो के दिन अचानक अजय राय को वाराणसी में कांग्रेस का उम्मीदवार बना दिया गया। अजय राय को प्रत्याशी बनाने के साथ ही प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की कयासबाजी पर विराम लग गया।

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