भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राजस्थान के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंगलवार को यहां पार्टी के राज्य मुख्यालय में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में आधिकारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। इस दौरान कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, अर्जुन राम मेघवाल, कैलाश चौधरी, भाजपा उपाध्यक्ष ओम माथुर, विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया, सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और बाबा बालकनाथ के साथ ही पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।
इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की अनुपस्थिति चर्चा के केंद्र में रही।
पूर्व मुख्यमंत्री ने हालांकि युवा नेता को बधाई पत्र भेजा था, जिसे भाजपा महासचिव भजनलाल शर्मा ने पढ़ा।
पत्र में कहा गया, “आप युवा, मेहनती और ईमानदार कार्यकर्ता हैं और इसलिए मुझे विश्वास है कि आप संगठन की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। मैं कार्यक्रम में शामिल होने के लिए उत्सुक थी। मगर ब्राह्रण भोजन, कन्या प्रसाद और नवरात्रि के बाद की पूजा के कारण मैं अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा सकी।”
पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने चर्चा की कि क्या यह राज्य की राजनीति में वसुंधरा युग का अंत है। जबकि अन्य लोगों में नया पदभार ग्रहण करने वाले नेता की चुनौतियों को लेकर भी चर्चा चलती रही।
21 अक्टूबर को दो विधानसभा सीटों खिंवसर और नागौर के लिए उप-चुनाव होने हैं। इसके तुरंत बाद ही पंचायत और स्थानीय निकाय चुनाव भी होंगे।
जहां उपचुनाव होने हैं, वे दोनों सीट जाट बहुल हैं।
पूनिया ने इस अवसर पर कहा, “हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस मुक्त राजस्थान बनाने के सपने को साकार करना होगा। राजस्थान को भाजपा का अपराजित गढ़ बनाया जाएगा। हम उप-चुनावों और निकाय चुनावों में कांग्रेस की विदाई सुनिश्चित करेंगे।”
मदनलाल सैनी की मृत्यु के बाद इस वर्ष 24 जून से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का पद रिक्त था।