ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित वर्ल्ड डेयरी समिट (IDF World Dairy Summit 2022) का आज यानी गुरुवार को समापन हो गया। इसके समापन सत्र में पहुंचे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लोगों को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में वैश्विक दूध उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। इससे छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा।
वहीं अगले साल अमेरिका वर्ल्ड डेयरी समिट की मेजबानी करेगा। आयोजन का आज अंतिम दिन होने के चलते डेयरी सेक्टर में कार्बन फुटप्रिंट को लेकर भी चर्चा होगी। इस मामले को लेकर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे।
वर्ल्ड डेयरी समिट का उद्घाटन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।
5 साल में दूध उत्पादक संगठनों ने बढ़ाया तीन गुना राजस्व
राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि किसानों के स्वामित्व वाले दूध उत्पादक संगठनों ने दूध की खरीद को तीन गुना से भी अधिक करने का लक्ष्य रखा है, जो 5,575 करोड़ से बढ़कर 18,000 करोड़ रुपये हो गया है। उत्पादन प्रति दिन 100 लाख लीटर से भी अधिक हो गया है। आश्वासन दिया कि एनडीडीबी अपनी शाखा एनडीडीबी डेरी सर्विसेज के माध्यम से ऐसे और संगठनों की सुविधा देगा, जो इस क्षेत्र के विकास को सहायक होगा।
इस विषय पर मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के दिन अपने संबोधन में कहा था कि एनडीडीबी का सहयोग से राज्य में पांच और मिल्क प्रोटीन कन्संट्रेट (एमपीसी) होंगे, जिसकी संख्या कुल 10 तक हो जाएगी। हर जिले में दूध उत्पादक संगठनों का विस्तार करेंगे और संबंधित अधिकारियों से अनुरोध करेंगे कि सहकारी समितियों और एमपीसी के बीच तालमेल बैठाकर बेहतर कार्य किया जाय, ताकि प्रगति के पथ पर प्रदेश का हर एक जिला, गांव और कस्बा बेहतर तरीके से जुड़े।
स क्षेत्र में स्टार्टअप अवधारणा हाल ही में आई है, पर एमपीसी लंबे समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। देखा जाय तो सही मायने में ये ही असली स्टार्टअप हैं। 70 प्रतिशत से अधिक महिलाओं सहित लगभग 7,50,000 किसानों ने करीब 20 उत्पादक स्वामित्व वाली संस्थाएं बनाई हैं।
इन संस्थाओं ने पिछले साल लगभग 5,600 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। देश में 20 किसान स्वामित्व वाले संगठन चालू हो गए हैं और पिछले वित्त वर्ष के अंत में प्रति दिन 40 लाख लीटर से अधिक दूध खरीदा जा रहा है।
आइडीएफ वर्ल्ड डेरी समिट-2022 में बुधवार को विभिन्न डेरी किसान संगठनों ने अपने नए उत्पाद पेश किए। अलग-अलग महिला समूहों एवं इकाइयों ने उल्लेखनीय कार्य कर मिसाल कायम की है। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष मीनेश शाह ने कहा कि यह किसान समुदाय के लिए गर्व का दिन है, जिन्होंने सामूहिक रूप से खुद के लिए एक जगह बनाने का प्रदर्शन किया है।
महिला डेरी किसानों द्वारा बनाए संगठन को बधाई देते हुए कहा कि यह भारत के सशक्तीकरण का सबसे उच्च उदाहरण है। जिन छह संस्थाओं के उत्पादों का अनावरण किया गया है, उनमें से चार महिला सदस्य संगठन हैं। इनमें श्रीजा, आशा, सखी और बालिनी हैं। अन्य दो गुजरात की माही और राजस्थान की पायस हैं।
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